नेशनल डेस्क। विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। उनका जन्म अश्विन माह की कन्या संक्राति को हुआ था। भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर माना जाता है। विश्वकर्मा जयंती पर लोग ऑफिस, फैक्ट्री और कारखानों में पूजा करते हैं। इस दिन मशीनों की भी पूजा की जाती है। इस साल विश्वकर्मा जयंती पर 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं।
भगवान विश्वकर्मा जयंती पर इस साल तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से बिजनेस में तरक्की होती है और आर्थिक पक्ष मजबूत होता है।
सुबह का मुहूर्त – 17 सितंबर को 07.39 AM – 09.11 AM
दोपहर का मुहूर्त – 17 सितंबर को 01.48 PM – 03.20 PM
तीसरा मुहूर्त – 17 सितंबर को 03.20 PM – 04.52 PM
इस साल विश्वकर्मा जयंती पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है. आज सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। आज विश्वकर्मा जयंती के साथ कन्या संक्रांति भी मनाई जा रही है। साथ ही महालक्ष्मी व्रत का समापन भी होगा।
अमृत सिद्धि योग: 17 सितंबर 2022 को सुबह 06.13 – दोपहर 12.21
द्विपुष्कर योग: 17 सितंबर 2022, दोपहर 12.21 – दोपहर 02.14
रवि योग: 17 सितंबर 2022, सुबह 06.13 – दोपहर 12.21
सर्वार्थ सिद्धि योग: 17 सितंबर 2022, सुबह 06.13 – दोपहर 12.21
सिद्धि योग: 17 सितंबर 2022, सुबह 05.51 – 18 सितंबर 2022, सुबह 06.34
भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर में मंदिर में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाएं और फूल माला चढ़ाएं. अब भगवान तिलक लगाने के बाद पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान विश्वकर्मा को फिर भोग लगाएं और औजारों-मशीनों की पूजा करें. भगवान विश्वकर्मा की कथा का पाठ करने के बाद अंत में आरती करें।