world heritage day 18 April: रायपुर। 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मकसद यह है कि लोग अपने देश और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को जान सके और आने वाली पीढ़ी भी इस धरोहर को संरक्षित करने में अपना योगदान दे। प्राचीन स्मारक हमारे लिए अमूल्य हैं और इन्हें संरक्षित और सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। यही कारण है कि वल्र्ड हेरिटेज डे के जरिए लोगों को देश और प्रदेश की सांस्कृतिक इमारतों के बारे में जानकारी देने के साथ ही इन स्थलों को सुरक्षित रखने के संबंध में लोगों को जागरूक किया जाता है।
1982 में पहली बार मनाया गया हेरिटेज डे
18 अप्रैल 1982 को पहली बार स्मारकों और स्थलों की अंतरराष्ट्रीय परिषद (इंटरनेशनल कॉउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स – ICOMOS) ने हेरिटेज डे मनाने का निर्णय लिया। इसके बाद यूनेस्को (UNESCO) ने अपने 22वें आम सम्मेलन के दौरान इसे अपनाया। इस वर्ष विश्व धरोहर दिवस 2023 की थीम है विरासत परिवर्तन (हेरिटेज चेंजेस) – आने वाले भविष्य के लिए अपने अतीत को संरक्षित करना है।
जानिए, छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक धरोहर के बारे में
सिरपुर- रायपुर से 80 किमी की दूरी पर महासमुंद जिले में महानदी के किनारे स्थित है सिरपुर। ये एक प्राचीन नगरी है, जिसे 5 वीं शताब्दी के आसपास बसाया गया यह अपने पुरातात्विक स्मारकों, समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यहां के खास आकर्षण में प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर है, जो पूरे भारत के मंदिरों में से वास्तुकला में सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है। इसके अलावा यहां आंनद प्रभु कुडी बिहार, तुरतुररिया, बुद्ध बिहार, राम मंदिर, बरनावापारा वन्यजीव अभयारण्य और गंधेश्वर मंदिर भी शामिल है। जानकारों की मानें तो 6 वीं सदी से 10 वीं सदी तक यह बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल था। यहां छठवीं शताब्दी में निर्मित भारत का सबसे पहले ईंटों से बना मंदिर है। प्रसिद्ध चीनी यात्री व्हेनसांग भी अपनी भारत यात्रा के दौरान सिरपुर आए थे। उन्होंने अपने यात्रा वृतांत में यहां के वैभव का उल्लेख किया है।
भोरमदेव- कवर्धा से करीब 10 किमी दूर मैकल पर्वत से घिरा यह मंदिर करीब हजार साल पुराना है। भोरमदेव मंदिर पुरातत्व के रूप में अनमोल धरोहर और आस्था का प्रमुख केंद्र है। भोरमदेव को लोग खजुराहो से जोडक़र देखते हैं। इसलिए लोग इसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भोरमदेव का यह मंदिर खजुराहो से भी पुराना है। इतिहासकारों की मानें तो मध्य प्रदेश स्थित खजुराहो का निर्माण अवधि करीब 10वीं सदी के आसपास की बताई जाती है। वहीं भोरमदेव मंदिर के निर्माण का समय 7वीं शताब्दी की है। कहा जाता है कि शिवजी का ही एक नाम भोरमदेव है और गोड राजाओं के देवता भोरमदेव है। इसी के चलते हीइस मंदिर का नाम भोरमदेव पड़ा। नागर शैली में बना यह मंदिर पांच फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थित है। मंदिर के मंडप की लंबाई 60 फीट और चौड़ाई 40 फीट है। मंडप के बीच में 4 खंबे हैं और किनारे की ओर 12 खंबे हैं। मंडप में लक्ष्मी, विष्णु और गरूड़ की मूर्ति रखी है। गर्भगृह में पंचमुखी नाग की मूर्ति, नृत्य करते गणेशजी और मंदिर के चारों ओर बाहरी दीवारों पर भगवान विष्णु, शिव, चामुंडा की मूर्तियां लगी हैं। मंदिर के बाएं ओर बड़ा सा तालाब स्थित है।
वर्ल्ड हेरिटेज में भारत के 40 स्थान शामिल
भारतीय विश्व धरोहरों की बात की जाए तो यूनेस्को ने देश में कुल 40 विश्व धरोहर घोषित की है, जिसमें 07 प्राकृतिक, 32 सांस्कृतिक और एक 01 मिश्रित स्थल है। इसी तरह छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, रायपुर सर्किल के अंतर्गत केंद्रीय रूप से संरक्षित 46 स्मारक/स्थल हैं। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य के राजकीय रूप से संरक्षित 58 स्मारक/स्थल शामिल हैं।
जानिए, वल्र्ड हेरिटेज में भारत से किसे-किसे शामिल किया गया?
आगरा का किला, उत्तर प्रदेश
जयपुर सिटी, राजस्थान
अजंता की गुफाएं, महाराष्ट्र
सांची के बौद्ध स्तूप, मध्य प्रदेश
चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान, गुजरात
छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, मुंबई, महाराष्ट्र
पुराने गोवा के चर्च
एलिफेंटा की गुफाएं, महाराष्ट्र
एलोरा की गुफाएं, महाराष्ट्र
फतेहपुर सीकरी, उत्तर प्रदेश
चोल मंदिर, तमिलनाडू
हम्पी के स्मारक, कर्नाटक
पत्तदकल के स्मारक, कर्नाटक
हुमायुं का मकबरा, दिल्ली
काजीरंगा राष्ट्रीय अभ्यारण्य, असम
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, भरतपुर राजस्थान
खजुराहो के स्मारक और मंदिर, मध्यप्रदेश
महाबोधि मंदिर, बोधगया, बिहार
मानस राष्ट्रीय अभयारण्य, असम
भारतीय पर्वतीय रेल
नंदादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य और फूलों की घाटी, उत्तराखंड
कुतुब मीनार, दिल्ली
भीमबेटका के प्रस्तरखंड, मध्यप्रदेश
कोणार्क का सूर्य मंदिर, ओडि़शा
सुंदरवन राष्ट्रीय अभयारण्य, पश्चिम बंगाल
ताजमहल, 1984 आगरा, उत्तरप्रदेश
धुआंधार, 2021 जबलपुर, मध्यप्रदेश
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, होशंगाबाद, मध्यप्रदेश
धौलवीर, गुजरात