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अमर ने कहा..जन दुखी, मन दुखी..फिर कैसे मनाऊं जन्मदिन..कहा..भय भूख के खिलाफ लड़ेंगे जन युद्ध

बिलासपुर—22 सितम्बर को पूर्व मंत्री भाजपा के दिग्गज नेता अमर अग्रवाल का जन्मदिन है। अमर अग्रवाल ने सर्वाजनिक होकर कार्यकर्ताओं को जन्मदिन नहीं मनाए जाने का एलान किया है। अमर ने कहा कि जिले की कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है। लोग अपने घर में भयभीत है। जिले में गुंडाराज का बोलबाला है। पुलिस सुस्त और अपराधी चुस्त है। ऐसे माहौल में भयमु्क्त होकर कोई भी उत्सव संभवन नहीं है। जनता की भलाई ही उनका लक्ष्य है। सरकार भटक चुकी है। और जब जनता परेशान हो..जन्मदिन मनाने का कोई चौचित्स नही है।
 
                        अमर अग्रवाल ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वह जन्मदिन नहीं मनाएंगे। उन्होनो बताया कि जिले की कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है। अपराधियों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। हर तरफ भय भूख भक्षण का वातावरण है। ऐसे माहौल में जन्मदिन मनाना तर्कसंगत नहीं होगा।
 
                      जिले में गुंडाराज का बोलबाला है। परेशान और पीड़ितों की कहीं सुनवाई नहीं है। लोग न्याय के लिए दर दर भटकने को मजबूर हैं।उन्हें 20 साल शहर की सेवा का मौका मिला। लेकिन मजाल है कि कोई असमाजिक तत्व बचा हो। मात्र चार साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने जनता को भय के वातावरण में जीने को मजबूर कर दिया है। 
 
             अमर अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार को घोषणाजीवी बताया। बिना जनता पर खर्च किए  खजाना को कंगाल किए जाने का आरोप लगाया। उन्होने कहा मात्र चार साल के कुशासन, भ्रष्टाचार से  न्यायधानी बिलासानगरी कराह रही है। बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था से भोली भाली और  शांतिप्रिय जनता खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। जनता की पीड़ा और भय भूख के  वातावरण में जनता का दम घुट रहा है।
 
              22 सितंबर को 60 वां दिन है। व्यथित कर देने वाले वातावरण में जन्मदिन मनाने का अर्थ अपने और अपनी जनता के प्रति अन्याय है। हां जन्मदिन पर संकल्प लेता हूं कि जनता की लड़ाई को सड़क से सदन तक लड़ेंगे। चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े।
 
                    अमर ने एक कविता के माध्यम से अपनी भावनाओं को जाहिर किया। उन्होने कहा कि …न कोई शुभकामना, न लेंगे कोई बधाई.,…संकल्प है आपके अत्याचार के विरोध का,,,तैयार रहों अब, विदा घड़ी है आई”

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