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अविभाजित मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री व रायगढ़ राजपरिवार के सम्मानीय सदस्य की रूखी सूखी अंतिम विदाई, शहर के संवेदनशील नागरिक महाराज की अंतिम विदाई को लेकर पूछ रहे हैं सवाल

नितिन@रायगढ़। रायगढ़ राजपरिवार के स्वर्गीय महाराजा चक्रधर सिंह के कनिष्ठ सुपुत्र और अविभाजित मध्यप्रदेश में केबिनेट मंत्री रहे स्व. कुंवर महाराज भानू प्रताप सिंह का कल अंतिम संस्कार उनके ही निज निवास देवयानी महल के बगीचे में किया गया। कुंवर साहब के निधन पर जहां एक तरफ राज्य के मुखिया भूपेश बघेल ने गहरा दुःख प्रकट किया। तो वही जिला कांग्रेस रायगढ़ ने सोशल मीडिया में बयान जारी कर स्व.कुंवर भानू प्रताप सिंह को श्रद्धांजलि देकर खाना पूर्ति कर ली। ध्यान देने योग्य बात यह है कि बीते दिनों कुंवर साहब का रायपुर के निजी अस्पताल में निधन हो गया था वे 90 वर्ष के थे।

स्व.भानूप्रताप सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में केबिनेट मंत्री और विधायक भी रह चुके हैं। आप रायगढ़ राजपरिवार के स्व. महाराजा चक्रधर सिंह के कनिष्ठ सुपुत्र थे। 90 वर्षीय कुंवर भानूप्रताप सिंह विनम्रता के धनी व्यवहार कुशल हँसमुख मिजाज और हर किसी का दिल जीत लेने वाली शख्सियत थे। उनके दुखद निधन की खबर सुनकर शहर के पुराने और बुद्धिजीवी वर्ग के लोग काफी दुखी हुए।

उनका दुख तब और बढ़ गया जब वर्तमान में रायगढ़ रियासत के सबसे सम्मानित सदस्य स्व.कुंवर महाराज भानू प्रताप की अंतिम विदाई बिना किसी उचित सम्मान के करनी पड़ी। इस विषय में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए राजकुमारी विजय श्री सिंह ने बताया कि शहर और जिले की भलाई के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन देने वाले कुंवर साहब को स_सम्मान अंतिम विदाई नही दे पाना इस शहर और उसके जिम्मेदार लोगों के लिए बेहद शर्मनाक वाक्या है। हमने एक समर्पित जनसेवक और रायगढ़ राज घराने के सम्मानित सदस्य होने के नाते उनकी अंतिम विदाई में राजकीय सम्मान दिए जाने की मांग की थी,परंतु न तो उन्हे *गार्ड आफ ऑनर* दिया गया न ही, अंतिम संस्कार के समय कोई जिम्मेदार जन प्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित हुए। इस बात की पीड़ा हम राज परिवार और उनसे स्नेह रखने वाले शहर के प्रबुद्ध जनों को हमेशा रहेगी।

ऊपर से कुंवर साहब की अंतिम इच्छा का मान रखते हुए प्रशासन ने उनके शव के नगर भ्रमण के लिए अदद वाहन नही दे सका, बल्कि निगम की पशु गाड़ी(ट्रेक्टर ट्राली)उपलब्ध कराई,जिसे देखकर हमें और शहर के बहुत से लोगों को आत्मीय पीड़ा हुई। अंतिम दर्शन कार्यक्रम में सिर्फ एसडीएम रायगढ़ फ्रिज पहुंचाकर चले गए। हम परिवार वालों के अलावा आसपास के लोगों को छोड़कर शहर की राजनीतिक/सामाजिक/ प्रशासनिक और व्यापारिक जगत से जुड़ा कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति अंतिम दर्शन में नही आया। मतलब कुंवर साहब की अच्छाइयों को एक सिरे से लोगों ने भुला दिया। 

वहीं उनके अंतिम संस्कार के समय भी आठ दस पड़ोसी जो कुंवर साहब से स्नेह रखते थे,वही उपस्थित रहे,प्रशासन की तरफ से डिप्टी कलेक्टर श्री कंवर ही आए। उनके पास भी पूर्व केबिन मंत्री और रायगढ़ राजपरिवार के सम्मानित सदस्य स्व. महाराज कुंवर भानू प्रताप की स सम्मान अंतिम विदाई के प्रश्न का कोई उत्तर नही रहा।

इस तरह शहर के एक महान 

बुद्धिजीवी,मृदुभाषी,मिलनसार, दानवीर और जिंदादिल हस्ती की अंतिम विदाई एक अदद सम्मान के बिना बेहद रूखी_ सूखी रही,उनका अंतिम संस्कार उनकी शख्सियत के इतर मुट्ठीभर लोगों की उपस्थिति में उनके निवास स्थान देवयानी महल में स्थिति बगीचे में कर दिया गया।

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