रायपुर। प्रदेश भर से राजधानी में आये फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने बूढ़ातालाब धरनास्थल में “आश्वासन नहीं समाधान आंदोलन” में जमकर हल्ला बोला। तेज आंधी-तूफान और बारिश के बावजूद बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग एवं रायपुर संभाग के जिला तथा ब्लॉक इकाई से आये प्रतिनिधियों ने सरकार के द्वारा दिये गये आश्वासन को याद दिलाया। फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय पर आक्रोश व्यक्त किया।
धरनास्थल पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि सरकार ने कर्मचारी संवर्गों के वेतन विसंगति, केन्द्र के समान गृहभाड़ा भत्ता तथा महंगाई भत्ता एवं चार स्तरीय पदोन्नत पद का वेतनमान पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो फेडरेशन द्वारा सीधे अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाये।
आंदोलन के संबंध में जानकारी देते हुए फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, सचिव राजेश चटर्जी एवं प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि लिपिक, शिक्षक, स्वास्थ, वन विभाग, पशुपालन, पर्यवेक्षक महिला बाल विकास सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण, प्रथम नियुक्ति तिथि से शिक्षक एल बी संवर्ग की सेवा की गणना, सहायक शिक्षक एल बी का वेतन विसंगति निराकरण एवं समस्त सेवा लाभ सहित 14 सूत्रीय मांगों के लिए दिनांक 17 सितंबर 2021 को गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट तत्काल सरकार को सौंपी जाए l
प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान लंबित 5% महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए। जन घोषणा पत्र अनुसार राज्य के कर्मचारियों को चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान दिया जाए। साथ ही घोषणा पत्र में उल्लेखित बिंदुओं को पूरा किया जाए।
इन मांगों के अलावा तूता नया रायपुर के स्थान पर पुराना बस स्टैंड पंडरी रायपुर को धरना स्थल घोषित करने की मांग भी रखी गई है।
“आश्वासन नहीं समाधान आंदोलन” के द्वितीय चरण के दौरान पी आर यादव, कमल वर्मा, राजेश चटर्जी, चंद्रशेखर तिवारी, जी. आर.चंद्रा, आर एन ध्रुव, पंकज पांडे, धनंजय सिंह भारद्वाज, दीपचंद भारती, सत्येंद्र देवांगन, केदार जैन, सहित बड़ी संख्या में प्रदेशभर के कर्मचारी-अधिकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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