Heart Attacks in Winters: सर्दियों के दौरान खासतौर पर दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है । आंकड़े काफी डरावने हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पांच दिनों में हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक से 98 लोगों की मौत हो चुकी है। 98 में से 44 की मौत अस्पताल में हुई, जबकि 54 मरीजों की इलाज से पहले मौत हो गई । ये आंकड़े एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी ने दिए हैं। लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड कार्डियक सर्जरी, कानपुर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में अस्पताल के आपातकालीन और बाह्य रोगी विभाग में 723 हृदय रोगी आए हैं।
भीषण ठंड से पीड़ित 14 मरीजों की शनिवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई, जबकि छह लोगों की हृदय रोग संस्थान में इलाज के दौरान मौत हो गई। संस्थान में आठ लोगों को मृत लाया गया। शहर के एसपीएस हार्ट इंस्टीट्यूट में पिछले 24 घंटे के अंदर 14 मरीजों की मौत हुई है।
हृदय रोग संस्थान में कुल 604 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें 54 नए और 27 पुराने मरीज शामिल हैं ।कार्डियोलॉजी के निदेशक विनय कृष्ण ने कहा कि इस मौसम में मरीजों को ठंड से बचाना चाहिए।
लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (टव) के एक फैकल्टी मेंबर ने कहा, इस ठंड के मौसम में हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है । हमारे पास ऐसे मामले भी आए हैं, जब किशोरों को भी हार्ट अटैक आया है।
सर्दियों में दिल को खतरा
ऐसा माना जाता है कि ठंड का मौसम दिल को कई तरह से प्रभावित करता है। इसे ध्यान में रखते हुए, उन तरीकों को समझना महत्वपूर्ण है जिनसे हम सर्द मौसम में अपने हृदय की रक्षा कर सकते हैं। मैक्स अस्पताल, नई दिल्ली के एक वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार ने कहा, “सर्दियों में दिल के दौरे बढ़ जाते हैं, बुजुर्गों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है लेकिन आजकल यह युवाओं में भी देखा जा सकता है।”
ठंड में दिल की सेहत के लिए क्या जरूरी
डॉ. मनोज कुमार ने कहा, “हार्ट अटैक से बचने के लिए सर्दियों में सूर्योदय से पहले सुबह की सैर से बचना चाहिए।” डॉ कुमार ने आगे कहा कि सर्दियों के दौरान बाहर निकलने से पहले अपने सिर को अच्छी तरह से ढकना बहुत महत्वपूर्ण है।
ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और यह उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है।”
“दिल का दौरा कोरोनरी धमनियों में रक्त के थक्के बनने के कारण होता है। यह देखा गया है कि सर्दियों के दौरान हमारे शरीर में फाइब्रिनोजेन का स्तर 23 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसके अलावा प्लेटलेट काउंट भी बढ़ जाता है और इससे रक्त का थक्का बन सकता है और दिल का दौरा पड़ सकता है।”
उन्होंने लोगों को हृदय रोगों से बचने के लिए एहतियात के तौर पर सर्दियों के दौरान विटामिन डी की खुराक लेने की भी सलाह दी । “विटामिन डी की कमी उन कारकों में से एक है जो दिल के दौरे का कारण बन सकती है ।उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को सर्दियों के मौसम में पूरक आहार लेना चाहिए।