0 सौंदर्यीकरण के नाम पर बार बार ठेका हुआ निरस्त, मंत्री के भाई और महापौर के बिच खींचतान में अटका रहा 12 करोड़ का टेंडर, मुख्यालय स्तर पर फिर से की जा रही प्रक्रिया
विशेष संवादाता, रायपुर
जोन 9 अंतर्गत अवन्ति विहार के महर्षि बाल्मिकी वार्ड क्रमांक 32 का एक तालाब दो नेताओं के लिए सियासी अखाड़ा बना हुआ है। बीते 5 सालों में करीब तीन दफे वार्ड के शीतला तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य अटका हुआ है। एक मंत्री के भाई को मिला ठेका मेयर समर्थकों को नहीं जमा और टेंडर प्रक्रिया बार बार रद्द की जाती रही। पूर्व पार्षद के कार्यकाल में जरूर कुछ लाख रूपये खर्च कर पचरी निर्माण किया गया था। वर्तमान पार्षद की मानें तो उनके पार्षद बनने के बाद से अब तक 100 साल पुराने शीतला तालाब में एक रुपया खर्च नहीं हुआ है।
करीब 2 एकड़ से ज्यादा फैले इस तालाब में बीचों बीच छोटा सा टापू भी है। इसे मिनी बूढ़ातालाब कहा जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। उसी स्वरुप में इस प्राचीन तालाब के किनारे अब कब्ज़ा भी होने लगा है। ठेले-खोमचे लगे हैं। जानकारी के मुताबिक साढ़े 12 करोड़ रूपये सौंदर्यीकरण और प्रस्तावित फ़ूड ज़ोन की मंजूरी हुई है। टेंडर प्रक्रिया और ठेका संबंधी जानकारी के लिए ज़ोन 9 के इंजिनियर अंशुल शर्मा ने बताया कि साडी प्रक्रिया निगम मुख्यालय स्तर पर की जा रही है। बताते हैं कि एक ही पार्टी के दो सियासतदाओं की खींचतान में एक तालाब राजनीती का अखाड़ा बना हुआ है। इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि पार्षद, जोन कमिश्नर से लेकर इंजिनियर तक से इस कार्य को करने की बजाय मुख्यालय इस पर फैसला करेगा।
सुलगते सवाल
1, कांग्रेस के दो आला नेताओं के बीच खींचतान की क्या है वजह ?
2, पार्टी के दोनों कद्दावर नेताओं के विवाद में क्यों हुआ टेंडर निरस्त ?
3, क्या साढ़े 12 करोड़ के ठेका या सियासी दुश्मनी है मुख्य कारण ?
4, वार्डवासी भी पूछने लगे हैं शीतला तालाब का सौंदर्यीकरण क्या नहीं होगा ?
5, प्राचीन शीतला तालाब में क्या भूमाफियाओं की है टेढ़ी नज़र ?
वार्ड पार्षद का यह है कहना
प्रमोद मिश्रा के मुताबिक अभी तक उनके कार्यकाल में एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया है। इंक्रोचमेंट का खतरा तो है क्योंकि तालाब का लोकेशन ही ऐसा है। टेंडर तो हुआ था मंत्री जी के भाई को दिया गया था। लेकिन बार बार टेंडर हुआ फिर निरस्त कर दिया गया। वर्तमान परिस्थिति में 100 साल पुराने इस शीतला तालाब का जीर्णोद्धार मुख्यालय स्तर पर ही होना है।
जोन 9 के इंजिनियर बोले
अंशुल शर्मा का कहना है कि इस तालाब के संबंध में सरे निर्णय मुख्यालय स्तर पर लिए जा रहे हैं। जोन या वार्ड की बजाये तालाब सौंदर्यीकरण, तालाब के बीचों बीच टापू तक ब्रिज निर्माण और प्रस्तावित फ़ूड ज़ोन कार्य मुख्यालय से लिए जा रहे हैं। इसलिए उनका इस सम्बन्ध में कुछ कहना उचित नहीं होगा।