रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय कृषि में हो रहे नवाचार के प्रति छात्रों को जागरूक करने ट्रैक्टर सफारी कराने जा रहा है। जिसमें विवि प्रबंधन द्वारा विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रक्षेत्र का भ्रमण करवायेगा। इस दौरान छात्रों को जैविक खेती, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मुर्गी पालन, बटेर पालन, मछली पालन की उन्नत तकनीक के संबंध में जानकारी भी दी जाएगी।
आज यह जानकारी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर गिरीश चंदेल ने प्रेसवार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि IGKV तथा छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 14 से 18 अक्टूबर तक अंतराष्ट्रीय कृषि मड़ई “एग्री कार्निवाल 2022” का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कृषि विश्व विद्यालय जंगल सफारी के तर्ज पर स्कूली बच्चों को ट्रैक्टर सफारी कराएगा। 5 दिनों तक चलने वाले इस एग्री कार्निवाल में 12-15 देशों के 50 से अधिक लोग शामिल हो रहे हैं।
इस कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति डॉक्टर गिरीश चंदेल ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय चांवल अनुसंधान संस्थान फीलीपीन्स द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को चांवल की नई प्रजातियों के विकास हेतु ‘‘लाइट हाऊस पार्टनर‘‘ चुना गया है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक विभिन्न देशों जैसे नाइजीरीया, तंजानिया, जिम्बाम्बे, युगांडा, नेपाल, बांगलादेश आदि के वैज्ञानिको को चांवल प्रजनन का प्रशिक्षण देगें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कार्यशाला में लगभग 10 देश के कृषि वैज्ञानिक भाग लेगें।
14 अक्टूबर को क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का भी आयोजन होगा जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कृषि उत्पादन को उचित मूल्य दिलवाना तथा नवीन उद्योग स्थापित करने हेतु नवीन उद्यमियों को मार्गदर्शन प्रदान करना है। इस दौरान किसानों के उत्पादों को उचित बाजार उपलब्ध कराने के संबंध में जानकारी दी जाएगी जिससे की किसान अपने उत्पादों का अधिकतम मूल्य पाने में सक्षम हो सकें।
अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘एग्री कार्नीवाल 2022’’ के दौरान 14 से 17 अक्टूबर, 2022 तक फार्मटेक एशिया अन्तर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं कृषक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आधुनिक कृषि की नवीनतम प्राद्यौगिकी, नवाचारों एवं कृषकोंपयोगी उत्पादों को प्रदर्शन एवं विक्रय किया जाएगा। 15 अक्टूबर को विवि के बायोटेकनोलॉजी विभाग के रजत जयंती समारोह का आयोजन किया जाएगा।
इसी के साथ ही 16 अक्टूबर को लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण, विपणन एवं निर्यात हेतु समस्त स्टेक होल्डर के साथ कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें लघु वनोपज से बनने वाले उत्पादों को निर्यात करने हेतु आवश्यक परीक्षण, मापदंड एवं नियमों की जानकारी एपीडा के अधिकारियों द्वारा दी जाएगी।
17 अक्टूबर को जैव विविधता एवं कृषकों की प्रजातियों के पंजीयन हेतु बायोडायवीर्सीटी इंटरनेशनल, पौध प्रजाति संरक्षण एवं कृषक अधिकार प्राधिकरण भारत सरकार, छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के साथ मिलकर कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश ग्रामीण कृषकों एवं समुदायों की आजीविका में वृद्धि हेतु कृषि जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय किस्मों एवं पारंपरिक किस्मों के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देना है।
छत्तीसगढ़ में उद्योगों, मेडीकल, कृषि, खाद्य प्रस्संकरण से संबंधित लगभग 400 परीक्षण प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। इन प्रयोगशालाओं को मापदंड, गुणवत्ता एवं नियमों की जानकारी देने के लिए 18 अक्टूबर को प्रयोगशालाओं की मान्यता हेतु कार्यशाला का आयोजन किया जाना है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…