रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने रासुका के जिस नोटिफिकेशन को लेकर सवाल खड़ा किया है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा उनकी सरकार की छवि खराब करने सहारा ले रही है, उसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है। पत्रकारों से चर्चा में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि कांग्रेस के शासनकाल में ऐसा कुछ नया संशोधन नहीं किया गया है, जिसे लेकर विपक्ष द्वारा मुद्दा बनाया जा रहा है। ऐसे नोटिफिकेशन हर तीन महिने में जारी किये जाते रहे हैं। उसी क्रम में कांग्रेस शासनकाल में भी नोटिफिकेशन जारी किये गये है।
राज्य सरकार ने 3 जनवरी 2023 को एक अधिसूचना प्रकाशित करवाया। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कानून को लागू करने के संबंध में इसमें कहा गया कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक मेल मिलाप को संकट में डालने के लिये लोक व्यवस्था के बनाये रखने पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है तो उसके खिलाफ रासुका के तहत कार्यवाही की जाएगी। ऐसी ही अधिसूचना रमन सरकार के समय भी प्रकाशित कराई गई थी। सिर्फ तीसरे कार्यकाल में इसे 9 बार लागू किया था। जो इस प्रकार है :
3 अक्टूबर 2015 से दिसंबर 2015
1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2016
1 अप्रेल 2016 से 30 जून 2016
1 जुलाई 2016 से 30 सितंबर 2016
1 अक्टूबर 2016 से 31 दिसंबर 2016
1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017
1 अप्रेल 2017 से 30 जून 2017
1 जुलाई 2017 से 30 सितंबर 2017
1 अक्टूबर 2017 से 31 दिसंबर 2017
सुशील आनंद शुक्ला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो अधिसूचना जो कानून आपके समय लागू किया गया वह लोक कल्याण कारी था। कांग्रेस के समय लागू किया गया तो दमन कारी हो गया। रमन और भाजपा इस प्रकार झूठ बोलकर प्रदेश में विशेषकर आदिवासी समाज में भ्रम फैला रहे हैं। पहले आपके शासनकाल में 98 प्रतिशत चर्च बने, धर्मान्तरण करवाया अब रासुका मामले में झूठ बोल रहे है। धर्मान्तरण पर विवाद भाजपा की साजिश है। भाजपा डर रही है कि रासुका लगाने से उसके दंगा भड़काने के एजेंडे पर अवरोध लगेगा।
कांग्रेस ने कहा है कि रमन सिंह, अरूण साव भ्रम फैलाने एवं झूठ बोलने के लिये माफी मांगे। क्या उस समय रमन सिंह ने यह कानून संघ के इशारे पर लागू किया था?
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