रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार में पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश गागड़ा ने प्रेस वार्ता कर कहा कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम ब्लॉक कांग्रेस का पदाधिकारी(महामंत्री) तेलंगाना में दो महिला व दो पुरुष नक्सलियों के साथ पकड़ा गया है। यह कोई सामान्य घटना नहीं है कि नक्सल प्रभावित राज्य के अतिसंवेदनशील इलाके का सत्तारूढ़ पार्टी का जिम्मेदार नेता नक्सलियों के साथ दूसरे राज्य में पकड़ा गया है। नक्सली आज कांग्रेस की बी टीम की तरह काम कर रहे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है।
इस हेतु हमारे प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव गृह मंत्रालय को पत्र लिख रहे है।
जिस नक्सल आतंक का जन्म ही किसानों के खिलाफ हुआ था। किसान परिवार से ही आने वाले हमारे जवानों-सुरक्षा बलों को जो नक्सली नृशंसता से हत्या करते हैं, अनेक ग्रामीणों को भी बर्बरता से मार चुके हैं यहां तक छत्तीसगढ़ के कई नेता भी नक्सलियों द्वारा मारे गए हैं, ऐसे में कांग्रेस के पदाधिकारियों द्वारा इलाज हेतु नक्सलियों को तेलंगाना ले जाना एक अति चिंतनीय विषय है छत्तीसगढ़ के आम लोगों की सुरक्षा के साथ एक बड़ा समझौता किया गया है। इससे पहले भी कांग्रेस और नक्सलियों की साठगाँठ के दर्जनों साक्ष्य सामने आते रहे हैं। झीरम मामले में तो खुद राहुल गांधी ने नक्सलियों को क्लीन चिट दे दी थी।
इसके अलावा बात चाहे दिग्विजय सिंह, राज बब्बर समेत दर्जनों कांग्रेसी व नेताओं के नक्सलियों के पक्ष में समय समय पर बयान देने की हो, या फिर किसी अन्य प्रदेश में नक्सलियों की गिरफ़्तारी पर खुद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा उनके बचाव में बयान देने की, कांग्रेस इनका हमेशा सहयोग करती रही है। कांग्रेस हमेशा राजनीतिक समर्थन देकर नक्सलियों के विरुद्ध लड़ाई को कमजोर करती रही है।
विगत दिनों नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में शहीदी सप्ताह मनाया। इस दौरान 12000 लोगों के साथ नक्सलियों ने नाचते गाते 8 से 10 किलोमीटर लम्बी रैली निकाली। 65 फिट का छह मंजिल बिल्डिंग से ऊंचा स्मारक बनवाया। रैली में 50 लाख से लेकर एक करोड़ तक के इनामी शीर्षस्थ नक्सली नेता शामिल थे। समाचार बताते हैं कि विगत 8 माह से इसकी तैयारी हो रही थी।
इस विषय में सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया। न ही कोई कार्रवाई हुई है। भूपेश बघेल जरा अपने सलाहकारों से पूछ कर बताएं कि इस आयोजन के पीछे कौन हैऔर इतने बड़े आयोजन के खिलाफ सरकार ने क्या कारवाई की? अगर कोई कारवाई नहीं की तो क्यों नहीं की?
हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पांच सवाल करते हैं। वे इनका जवाब दें