मनीष सरवैया@महासमुंद। छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अनिल दुबे की रिहाई की मांग को लेकर तुमगांव क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर किसान नेता को निःशर्त रिहाई की मांग की। किसानों ने शासन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूंजी पतियों के साथ साजिश कर आंदोलन को दबाने की नाकाम कोशिश कर रही है। घंटों आंदोलन के बाद आश्वासन के बाद मामला हुआ शांत।
हम आपको बता दें कि महासमुंद कलेक्टर कार्यालय से 12 किलोमीटर दूर खैरझिटी में करणी कृपा पावर प्लांट खोलने की तैयारी चल रही है। जिसके खिलाफ 348 दिन से क्षेत्र के ग्रामीण पावर प्लांट के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन में रोज हजारों किसान नेशनल हाईवे 53 पर आंदोलनरत हैं। 5 फरवरी को जिला प्रशासन ने आंदोलनकारियों के आंदोलनरत जगह को अतिक्रमण बताते हुए नेस्तनाबूद कर दिया। इसी जगह पर आंदोलनरत किसानों ने एक मंदिर का निर्माण भी किया था, जिसे भी जिला प्रशासन के इशारे पर थोड़े जाने का किसान आरोप लगा रहे हैं।
5 फरवरी को इस अतिक्रमण को हटाने के बाद छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अनिल दुबे पहुंचे थे। जिसे पुलिस प्रशासन ने धोखे से बुलाकर गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस ने भादवि की धारा अनिल दुबे पर 107 ,116 और 151 की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया है। 3 दिन बीत जाने के बाद भी अनिल दुबे को एसडीएम, तहसील कार्यालय से जमानत नहीं मिल सकी है। जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। आक्रोश के चलते आज कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन स्थानीय विधायक और सांसद मिलकर साजिश करते हुए ग्रामीणों की लगानी जमीन पर गैर कानूनी तरीके से करणी कृपा पावर प्लांट लगाया जा रहा है।