जशपुर। बोलचाल की भाषा में लोग टाटा कंपनी के मालवाहक गाड़ी को छोटा हाथी कह दिया करते हैं, मगर जशपुर जिले के एक गांव में सचमुच का “छोटा हाथी” पहुंच गया। जिसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। इसकी सूचना जब वन विभाग को हुई तो DFO से लेकर दूसरे अधिकारी और मैदानी अमला भी सक्रिय हो गया।
जशपुर जिले के वन परिक्षेत्र तपकरा के उड़ीसा सीमा से लगे मिरिग खोल बस्ती के लोगों को हाथी का शावक दिखा, जो बस्ती से कुछ दूर एक खेत के कीचड़ में लेटा हुआ था।ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी, तो डीएफओ सहित पूरा वन अमला मिरिग खोल पहुंच गया।
वन विभाग के कर्मचारियों को मौके पर तैनात किया गया है, ताकि शावक को कोई हाथ न लगाए और परेशान न करे। साथ ही उस दल का पता लगाया जा रहा है, जिससे यह नन्हा शावक बिछड़ गया है, जिसके बाद शावक को दल से मिलाने का प्रयास किया जायेगा।
वन अमला ग्रामीणों को शावक हाथी से मिलने से इसलिए रोक रहा है, क्योंकि बीते सितंबर माह में तपकरा वन परिक्षेत्र के समडमा में पाए गए हाथी के शावक के साथ ग्रामीणों ने खेलना शुरू कर दिया था। इंसानी स्पर्श के कारण हाथियों ने उसे अपने दल में शामिल ही नहीं किया, जिसके बाद उसे पुनर्वास केंद्र भेजा गया। इस बार भी कहीं ऐसा ना हो इसका वन विभाग पूरा ख्याल रख रहा है।
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