नेशनल डेस्क। बैंक लोन फ्रॉड केस में ICICI Bank की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। 1-1 लाख रुपये की जमानत राशि पर चंदा कोचर और उनके पति को बेल मिल गई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि गिरफ्तारी नियमों के हिसाब से नहीं हुई थी।
चंदा कोचर के वकील ने दीं दलीलें
चंदा कोचर के वकील अमित देशाई और कुशल मोर ने कोर्ट में कहा कि चंदा कोचर की गिरफ्तारी गलत है। उन्होंने कहा कि चंदो कोचर को नहीं पता था कि उनके पति के बिजनेस के साथ क्या हो रहा है। अमित देशाई ने दलील में कहा कि आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुखिया को एक पुरुष अधिकारी ने गिरफ्तार किया था। साक्ष्यों से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि वहां कोई महिला अधिकारी भी नहीं मौजूद थी। यह नियमों के विरुद्ध है।
क्यों हुई थी गिरफ्तारी?
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंक द्वारा स्वीकृत लोन में कथित धोखाधड़ी तथा अनियमितताओं से संबंधित मामले में हिरासत में लिया गया था। ईडी ने दावा किया था कि 7 सितंबर 2009 को आईसीआईसीआई बैंक ने 300 करोड़ रुपये लोन राशि में 283.45 करोड़ रुपये ही वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को ट्रांसफर किए गए थे। साथ ही अगले ही दिन कोचर फैमिली की कंपनी न्यूपॉवर रेन्यूवेबल लिमिटेड में सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से 64 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया गया है।
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