नितिन@रायगढ़। चोरनी शब्द के ताने ने एक युवती को इतना अधिक विचलित कर दिया कि वो अपने चचेरे भाई की हत्या करने से नही चुकी। एसडीओपी निकिता तिवारी ने प्रेस को बताया कि “पुलिस ने स्निफर डॉग रूबी के सामने कुछ संदिग्धों को खड़ा कर हत्या के मामले की जांच को जैसे ही आगे बढ़ाया। दो लोगों के पास से गुजरने के बाद स्निफर डॉग रूबी ने मृतक प्रीतम चौहान की चचेरी बहन भारती उर्फ ऊषा चौहान पर झपटा मारने लगा.
इसके बाद पुलिस ने तुरंत ही भारती को हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ करने लगी, तो उसने जुर्म कबूल कर लिया।
बीते दिनों मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर एक नाबालिग की हत्या की सूचना पर जिला पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार में पुलिस टीम को निर्देशित करते हुए घटना की गुत्थियां सुलझाते हुए आरोपी को जेल दाखिल करने का निर्देश दिया था। उनके मार्गदर्शन में जांच पर जुटी कोतरा रोड पुलिस ने बारीकी से घटना क्रम के साक्ष्य जुटाने शुरू किए। जिसमें पुलिस ने पाया कि मृतक प्रीतम और उसका परिवार भारती को चोरनी-चोरनी कह कर चिढ़ाते थे। इससे गुस्साई चचेरी बहन भारती ने मौका देखकर प्रीतम के सिर पर लोहे की रॉड से वार कर उसकी हत्या कर दी। उसने 11 साल के चचेरे भाई की हत्या करने के बाद उसकी लाश को स्कूल के अंदर फेंक दिया। देर रात तक घर वापस न आने पर परिजन मृत छात्र को तलाशते रहे। जिसके बाद चिरईपानी गांव में रहने वाले 11 साल के मासूम छात्र प्रीतम की लाश गुरुवार सुबह सरकारी स्कूल के नए कमरे के अंदर पड़ी मिली थी। जिसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी।और बताया कि प्रीतम अपने दोस्तों के साथ बुधवार की शाम चार बजे खेलते-खेलते अचानक गायब हो गया था।
कोतरा रोड़ थाना प्रभारी गिरधारी साव एवं उनकी टीम ने छात्र की लाश मिलने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचते ही स्निफर डॉग बुलाकर सबूतों को ढूंढना शुरू किया। फोरेसिंक एक्सपर्ट की टीम ने भी घटना के आस-पास से कई महत्वपूर्ण सबूतों को इकट्ठा किया।
जांच के दौरान जब पुलिस ने स्निफर डॉग रूबी के सामने कुछ संदिग्धों को खड़ा किया तब दो लोगों के पास से गुजरने के बाद रूबी ने मृतक प्रीतम चौहान की चचेरी बहन भारती उर्फ उषा पर झपट्टा मार दिया। पुलिस ने तत्काल उसे हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
चोरनी का आरोप लगने से ऊषा हो गई थी परेशान
थाना प्रभारी गिरधारी साव ने बताया कि आरोपी ऊषा पर मृतक प्रीतम और उसकी मां के अलावा प्रीतम की दोनों बहनें चोरी करने का ताना देती थीं। लगातार इस तरह के ताने से वह कई बार झगड़ती भी थी 24 मई की शाम जब प्रीतम घर के पास खेल रहा था, उसी दौरान ऊषा ने योजना बनाकर अपने चचेरे भाई को स्कूल के पास ले गई। वहां रॉड से वार करते हुए उसकी हत्या कर दी और वहीं उसकी लाश को फेंककर बड़े आराम से घर आकर सो गई थी।