रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की नदियों में लगतार बढ़ते प्रदूषण के कारण खारुन नदी का बुरा हाल है.केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जल गुणवत्ता संबंधी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
2022 में देश भर की 279 नदियों पर 311 प्रदूषित खंडों की पहचान की गई थी.
इनमें छत्तीसगढ़ की 6 प्रमुख नदियां शामिल हैं.
इन नदियों के जैविक संकेतक, जैव-रासायनिक ऑक्सीजन मांग यानी बीओडी प्रति लीटर ने देश की कई नदियों को पीछे छोड़ दिया है.
इस रिपोर्ट के अनुसार रायपुर के पास खारून नदी की हालत सबसे ख़राब है.
खारुन नदी में बीओडी 28.5 मिलिग्राम प्रति लीटर पाया गया.
इसी तरह बिलासपुर की अरपा नदी में बीओडी 9.6 मिलिग्राम प्रति लीटर मिला.
राजनांदगांव से झेंगरी के बीच शिवनाथ नदी में यह मात्रा 6.4 थी.
चांपा में हसदेव नदी से जो नमूने लिए गए, उसमें यह मात्रा 3.4 थी.
रायगढ़ की केलो नदी में बीओडी की मात्रा 3.9 मिलिग्राम प्रति लीटर थी.
शिवरीनारायण से महानदी के जिस नमूने की जांच की गई, उसमें जैव-रासायनिक ऑक्सीजन मांग 3.6 मिलीग्राम थी.
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