रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को आंगनबाड़ी कार्यकरत, अनुकंपा संघ और अनियमित कर्मचारियों की मांगों से सदन गरमाया। इस मुद्दे पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव लाया।
शिवरतन शर्मा ने अनुकंपा में बैठी महिलाओं का मुद्दा उठाया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अनियमित कर्मचारियों को नियमति करने का वादा था नही हुआ पूरा कर्मचारी आज आंदोनरत है। इस स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा हो।
विपक्ष ने कहा कि धरना प्रदर्शन काफी दिन से जारी है। उनसे बातचीत होनी चाहिए। पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा- ऐसी स्थिति प्रदेश में कभी नही देखा, 5 लाख 60 हजार 890 कर्मचारी आंदोलनरत है। धरना प्रदर्शन के लिए 4 किलोमीटर दूर भेज दिया गया।
धरम लाल कौशिक ने कहा कि एजी से अभिमत मांगा था अभी तक नहीं आया। 14,500 शिक्षकों की नियुक्ति की प्रकिया पूरी नहीं हो पाई। स्थगन पर चर्चा होनी चाहिए। हम विस्तार से चर्चा करना चाहते हैं।
विधायक सौरभ सिंह ने कहा प्रदेश में सभी कर्मचारी आंदोलन पर हैं। कार्यालयों में काम-काज ठप्प है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा शिक्षाकर्मियों के विधवाओं को मुंडन कराना पड़े ये दुःखद है। आंदोलनों की जड़ जन घोषणा पत्र है। सरकार ने कहा था कि अनियमित कर्मचारियों को नियमित करेंगे। लेकिन सब कर्मचारी आंदोलन पर हैं।
नेता-प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा- हमने महत्वपूर्ण स्थगन प्रस्ताव दिया है। हमारे सभी सदस्यों ने मूल भावना को रखा। 138 दिनों से विधवा महिलाएं आंदोलन पर हैं। सरकार बात करने को तैयार नहीं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन चल रहा। बच्चों को पोषण नहीं मिल रहा। सभी कर्मचारी आंदोलन पर है। आंदोलन के लिए शहर से दूर भेज दिया गया। सरकार को बात करनी चाहिए। स्थगन पर चर्चा की अनुमति दी जाए।
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