रायपुर। प्रदेश में युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर प्रभावी रोक लगाते हुये राज्य में एक स्वस्थ वातावरण के निर्माण की दिशा में सरकार ने एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया है। हुक्का बार संचालन की रोकथाम के लिए अधिनियम में संशोधन करते हुए कठोर प्रावधान किए गए हैं। संशोधित अधिनियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
प्रदेश के विभिन्न भोजनालय, होटल, रेस्टॉरेन्ट आदि सहित अन्य जगहों पर संचालित हुक्का बारों में फ्लेवरयुक्त सामग्री के अलावा तम्बाकू एवं अन्य मादक द्रव्यों के उपयोग किये जाने से युवा पीढ़ी सहित आमजन आकर्षित होकर अपने स्वास्थ्य का नुकसान करने की जानकारी प्राप्त हो रही थी। अतः इन हुक्का बारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस अवैध गतिविधि पर संज्ञान लेते हुये हुक्का बारों पर कठोर कार्यवाही करने तथा समस्त हुक्का बारों को बंद किये जाने के निर्देश दिये गये थे।
मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि उपरोक्त अधिनियम में वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुये आवश्यक संशोधन किया जाये, ताकि युवा पीढ़ी इस प्रकार के नशे की आदि न हो सके। निर्देशों को गंभीरता से लेते हुये भारत सरकार के “सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003’’ में आवश्यक संशोधन का प्रारूप छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तैयार किया गया। अधिनियम के संशोधन प्रस्ताव को छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित किये जाने के पश्चात् सक्षम अनुमति प्राप्त की गई। छत्तीसगढ़ राज्य के विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा 10 फरवरी 2023 को अधिनियम का प्रकाशन छत्तीसगढ़ राजपत्र में किया गया।
यह संशोधन अधिनियम तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है। अधिनियम के कठोर प्रावधानों से हुक्का बारों के संचालन एवं हुक्का बारों में सम्मिलित होकर हुक्कापान करने की प्रवृत्ति पर निश्चित रूप से प्रभावी नियंत्रण स्थापित होगा।
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