कोरबा। प्रदेश के युवा आईपीएस ने रिसर्च कर ई-मालखाना मैनेजमेंट सिस्टम बनाया है। जिसमें एक झटके में जब्त सामानों की जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी। ई-मालखाना बेहतर जवाबदेही भंडारण और पुनर्प्राप्ति के लिए माल खाना संपत्तियों को डिजिटल रूप से व्यवस्थित करने की एक पहल है। जिसे 2020 बैच के युवा आईपीएस रॉबिंसन विकास गुड़िया ने ड़ेवलप किया है।
रॉबिंसन विकास गुड़िया 2020 बैच के आईपीएस है जो वर्तमान में कोरबा जिले के दर्री सब डिवीजन में सीएसपी है। उन्होंने कानपुर आईआईटी से सिविल ब्रांच अपनी बीटेक के डिग्री ली है फिर यूपीएससी की तैयारी कर वह आईपीएस बन गए सिविल ब्रांच का होने के बावजूद रॉबिंसन ने सॉफ्टवेयर में रूसी होने के चलते ऑनलाइन सर्च कर वह यूट्यूब के माध्यम से कोडिंग प्रोग्राम सीखा और पुलिस के कार्यों में ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने की दिशा में कदम उठाया जिससे पुलिसिंग में मदद मिल सके। अंबिकापुर के लखनपुर थाना प्रभारी रहते हुए उन्होंने अपने रिसर्च के माध्यम से बनाए गए। सॉफ्टवेयर को वहां लागू किया था अब उन्होंने दरवेशी एसपी के रूप में पदस्थ रहने के दौरान उसमें थोड़ा डेवलपमेंट कर यहां भी उसे लागू किया है।
ई–मालखाना के बारे में बताते हुए SP संतोष सिंह ने कहा कि थाना /चौकी में जप्ती किए जाने वाले संपत्ति का रखरखाव अभी तक पुरानी व्यवस्था के अंतर्गत किया जा रहा था, जिससे किसी संपत्ति को खोजने में काफी परेशानी होती थी । पूरे मालखाने की तलाशी लेनी पड़ती थी, किंतु प्रशिक्षु आईपीएस नगर पुलिस अधीक्षक दर्री श्री रॉबिंसन गुड़िया के द्वारा मालखाना को कंप्यूटरीकृत करते हुए ई–मालखाना नामक सॉफ्टवेयर बनाया गया है, जिससे एक क्लिक पर जप्ती संपत्ति की जानकारी मिल सकेगी ।
ई-मालखाना बेहतर जवाबदेही, भंडारण और पुनर्प्राप्ति के लिए मालखाना संपत्तियों को डिजिटल रूप से व्यवस्थित करने की एक पहल है ।जिसमें मैक्रोज़ – एक्सेल का उपयोग कर एक सरल सॉफ्टवेयर कोड विकसित किया गया है जो कि विजुअल बेसिक में बनाया गया है।
जिसमें सभी संपत्तियों को बारकोड कर स्कैन किया गया है। फिर भंडारण अनुकूलन और लेबलिंग के वैज्ञानिक सिद्धांत का उपयोग करके भंडारण किया जाता है ।
1 जनवरी, 2023 से दर्री सब डिवीजन के अंतर्गत आने वाले थानों जिनमे दर्री, दीपका, बांकीमोंगरा, कुसमुंडा, हरदीबाजार और सर्वमंगला चौकी आते है। इन सभी में केस संपत्तियों को डिजिटल कर दिया गया है। और नई संपत्तियों को वास्तविक समय में बारकोड किया गया है। सॉफ्टवेयर मामले की संपत्ति की तस्वीरों के साथ जानकारी संग्रहीत करता है। केस प्रॉपर्टी को एक निश्चित अलमारी या रैक पर रखा जाता है। जिसका विवरण कैरेट बॉक्स पर चिपकाए गए एक विशेष बार कोड के साथ पैक किए जाने के बाद सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाता है। एक बटन क्लिक करने और सॉफ्टवेयर में जानकारी दर्ज करने से, यह केस प्रॉपर्टी को खोजने में सुविधा प्रदान करता है।
मालखाने में जब्त समान किन-किन हाथों से होकर गुजरा और यह कहां रखा है। इसकी पूरी जानकारी सिर्फ एक ही क्लिक में सामने आ जाएगी। जिससे इसे खोजने के लिए कोई भी जहमत नहीं उठानी पड़ेगी। ज्ञातव्य है कि रॉबिंसन गुड़िया की पत्नी आकांक्षा शिक्षा ख़लको भी आईएएस है। आज कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर व एसपी संतोष सिंह ने इसका शुभारंभ किया। आईजी बद्रीनारायण मीणा ने भी युवा आईपीएस के प्रयासों की जमकर सराहना की है। भविष्य में इसे कोरबा जिले के अन्य थानों में भी लांच करने की योजना है।