माघ महीने में आने वाली अजा या जया एकादशी का व्रत रखने से भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है. इसके अलावा मन की हर मनोकामना पूरी हो जाती है. इस एकादशी को समस्त पापों का नाश करने वाली एकादशी माना जाता है. इस एकादशी को अश्वमेध यज्ञ का फल देने वाली एकादशी भी कहा जाता है. इस एकादशी के दिन व्रत-उपवास रखकर और रात्रि जागरण करके श्रीहरि विष्णुजी का पूजन-अर्चन तथा ध्यान करना चाहिए.
पूजा विधि
इस दिन सबसे पहले घर के मंदिर में एक चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें. अब इसके बाद एक लौटे में गंगाजल लेकर उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलएं. अब जल की कुछ बूंदें लेकर चारों ओर छिड़कें. इसके बाद उस लौटे के साथ घट स्थापना करें. अब भगवान विष्णु को धूप-दीप दिखाकर उन्हें पुष्प अर्पित करें. इसके बाद घी के दीपक से विष्णु की आरती उतारते हुए विष्णु सहस्नाम का पाठ करें. अब श्री हरि विष्णु को तुलसी दल का प्रयोग करके तिल का भोग लगाएं. इसके बाद तिल का दान करें क्योंकि यह शुभ होता है. इसके अलावा शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा कर फलाहार ग्रहण करें.
जया एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही अगर कुछ खास उपाय कर लिये जाए तो हर तरह के संकट दूर होते हैं साथ ही भाग्योदय भी हो जाता है. ये उपाय बड़े आसान है और इनको करने से भगवान विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है.
तो आइये जानते हैं इन खास उपायों के बारे में
जया एकादशी व्रत का है विशेष महत्व
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