विशेष संवादाता, रायपुर
भाजपा की प्रदेश प्रभारी रहीं डी पुरंदेश्वरी चाहकर भी पार्टी उनपर चाबुक नहीं चला पाईं जो इसके हक़दार थे। लेकिन अब लाठी भांजने में माहिर आरएसएस के प्रचारक रहे और भाजपा में सीधे राजस्थान के संगठन मंत्री के तौर पर पार्टी में आए ओम माथुर के छत्तीसगढ़ आने का प्रोग्राम बन गया है। छत्तीसगढ़ के लिए भले ही नए भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर का नाम नया हो, लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए जाना मन नाम है। संभवतया अगले हफ्ते के भीतर उनका दौरा बने। इसके पहले ही वे यहां के कद्दावर, बागी, फायर ब्रांड और लोकप्रिय पार्टी लीडरों की जानकारी एकत्र करने लगे हैं। फीडबैक तो उन्हें मिल ही गया है। डी पुरंदेश्वरी भी लाइन लेंथ में चल रही थीं पर वो अपने से वरिष्ठ पार्टी लीडरों की टक्कर में कनिष्ठ थीं और उनका चाबुक वो चलना तो दूर निकल भी नहीं पाईं। छत्तीसगढ़ के नए भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर सीधे पीएमओ से सम्बध्द बताये जाते हैं। इससे साफ हो जाता है कि यहां के नेता यह न समझें की इन्हें भी समझा सकते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि अब सिर्फ वही होगा जो ओम चाहेंगे। क्योंकि नए प्रभारी की पसंद-नापसंद तो दूर उनको जानने वाले भी यहां बहुत काम है।
प्रदेश प्रभारी पद से ऐसे अचानक पुरंदेश्वरी को हटाने को लेकर कई तरह बातें निकलकर आ रही हैं। आंध्र के पूर्व और लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहे एनटी रामाराव की बेटी पुरंदेश्वरी को इस बार संगठन में नहीं बलकि सक्रिय राजनीती में उतरने की रणनीति है। पार्टी सूत्रों की मानें तो उन्हें तेलांगना का सीएम प्रोजेक्ट करने के लिए उनका कार्य क्षेत्र बदला गया है। रणनीति के तहत पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाकर भेजा गया था। प्रभारी रहते हुए वो कई दफे बस्तर गेन और यहीं पार्टी की चिंतन बैठक भी कीं। बस्तर के अलावा दूसरे संभागों में पुरंदेश्वरी कभी नहीं गईं। इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि वे सीएम इन वेटिंग हैं।