- राजनांदगांव। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी नवीन जिला बनने के पश्चात् भी ट्रायबल विभाग के व्याख्याताओं, शिक्षकों और अन्य स्टॉफ अभी तक शिक्षा विभाग में जमें हुए है, और नियम विपरीत वेतन अंहरण कर रहे है जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने सोमवार को पुनः प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग और कलेक्टर राजनांदगांव को पत्र लिखकर यह मांग किया गया है कि टी-संवर्ग के कर्मचारियों को वापस टाईबल क्षेत्रों और आदिवासी विकासखंडों में वापस उनके मूल संस्था में भेजा जाना चाहिए, क्योंकि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में दो बार आदेश दिया जा चुका है, इसके बावजूद नियम विपरीत टी संवर्ग के कर्मचारियों को नॉन ट्रायबल क्षेत्रों में पोस्टिंग देकर रखा गया और उन्हें कलेक्टर द्वारा उन्हें वेतन दिया जा रहा है, जो सामान्य प्रशासन विभाग और राज्य शासन के स्थानांतरण नीति का स्पष्ट उल्लंघन है।
- श्री पॉल ने बताया कि नियमानुसार आदिम जाति कल्याण विभाग के व्याख्याताओं, शिक्षकों और अन्य स्टॉफ का शिक्षा विभाग में संविलियन होने के बाद भी आदिवासी विकासखंडों से बाहर नहीं आ पाएंगे, इसके बावजूद अविभाजित जिला राजनांदगांव में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूलों, शिक्षा विभाग के स्कूलों और जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव कार्यालय में आदिम जाति कल्याण विभाग के अनेक व्याख्याताओं, शिक्षकों और अन्य स्टॉफ की नियम विपरीत पोस्टिंग दिया गया है और संलग्न कर रखा गया है, जिन्हें तत्काल वापस उनके मूल संस्था में भेजा जाना अनिवार्य है।
- क्या है नियम
- संविलियन के बाद भी आदिवासी विभाग के शैक्षणिक और कार्यालीन स्टॉफ शिक्षा विभाग के स्कूलों एवं कार्यालय में अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे, उनका कार्यक्षेत्र पूर्ववत् ही रहेगा और उनका स्थानांतरण भी आदिवासी विकासखंडों में ही होगा। स्थानांतरण नीति 2022 की कंडिका 3.7 एवं 3.8 में यह स्पष्ट उल्लेखित है कि ई-संवर्ग से टी-संवर्ग एंव टी संवर्ग से ई-संवर्ग में स्थानांतरण नहीं किये जायेंगे, अर्थात वे अपने-अपने संवर्ग में ही स्थानांतरण किये जा सकेंगे और यदि ऐसा होगा तो उक्त स्थानांतरण शून्य माना जावेगा और प्रभावशील नहीं होंगे।
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