महासमुंद. ओडिशा से छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्यप्रदेश तक गांजा तस्करी के एक बड़े कंसाइनमेंट को पकड़ने में पुलिस को कामयाबी मिली है. सरायपाली थाने की पुलिस टीम ने एक ऐसे ट्रक को पकड़ा है, जिसमें तरबूज के नीचे गांजा छिपाकर रखा गया था. गांजा की मात्रा एक-दो क्विंटल नहीं, बल्कि 10.50 क्विंटल थी. सरायपाली पुलिस के मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. गांजा की कीमत दो करोड़ दस लाख आंकी गई है. वहीं, जिस ट्रक में गांजा ले जाया जा रहा था, उसे भी जब्त कर लिया गया है. दो आरोपी पकड़े गए हैं, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के बसाई गांव के रहने वाले हैं.
सरायपाली थाना प्रभारी आशीष वासनिक ने बताया कि ओडिशा से गांजा की एक बड़ी खेप निकलने की सूचना मिली थी. राज्य सरकार द्वारा गांजा के साथ साथ सभी तरह के नशे की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. ओडिशा बॉर्डर का एरिया है, इसलिए खासतौर पर मुखबिर तंत्र तैयार किया गया है. मुखबिर से स्पष्ट सूचना थी कि लाल रंग के माजदा ट्रक में तरबूज के नीचे गांजा छिपाया गया है. इसके आधार पर पुलिस टीम ने नाकेबंदी कर दी. अब पुलिस को संदिग्ध गाड़ी का इंतजार था.
आखिरकार पतेरापाली रोड की तरफ से लाल रंग का ट्रक आता दिखा. पुलिस की टीम अलर्ट हो गई. लाल रंग के माजदा ट्रक MP 19 GA 5058 को रोका गया. ट्रक में ड्राइवर समेत दो।लोग थे. पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे पन्ना जिले के बसाई गांव के रहने वाले हैं. इनमें एक का नाम पप्पू पाल (35 वर्ष) और दूसरा महेश पाल (30 वर्ष) था. पुलिस ने जब ट्रक में लोड सामान की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि ट्रक में तरबूज है. जब पुलिस ने चेक किया तो उसमें ऊपर तक तरबूज ही दिखा.
गांजा की तस्दीक करने के लिए तरबूज खाली करने कहा गया तो दोनों आरोपी बातें बनाने लगे और डैमेज होने का बहाना बनाते रहे. शुरुआत में तो गांजा का पैकेट नहीं दिखा, लेकिन जब कुछ ज्यादा संख्या में तरबूज हटाए गए, तब करीब 30 पैकेट में गांजा निकला. जब वजन कराया गया तो 1050 किलो यानी दस क्विंटल पचास किलो निकला. इतने बड़े पैमाने पर गांजा की खेप पकड़ में आने पर पुलिस टीम भी चौंक गई, क्योंकि यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी.
सीएम के निर्देश पर डीजीपी ने की थी ओडिशा के अफसरों से बात
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांजा तस्करी पर कार्रवाई के लिए डीजीपी अशोक जुनेजा को निर्देश दिए थे. डीजीपी जुनेजा ने ज्वॉइन करने के बाद दूसरे ही दिन ओडिशा के सीनियर पुलिस अधिकारियों से बात की थी. बॉर्डर से लगे राज्यों के एसपी को भी ओडिशा की सीमा से लगे जिलों के एसपी के साथ सामंजस्य बनाकर काम करने के निर्देश दिए गए थे. एसपी धर्मेंद्र सिंह छावई ने भी पहली मीटिंग में ही बॉर्डर वाले थानों को खासतौर पर तस्करों पर नजर रखने और बेहतर सूचना तंत्र बनाने पर जोर दिया था. यही वजह है कि बड़ी खेप पकड़ में आई है.