बिलासपुर—कोटा थाना क्षेत्र स्थित पथर्रा गांव में महावीर कोल वाशरी के खिलाफ धरना पर बैठे पांच लोग गिरती दीवार की चपेट में आ गए। घटना के दौरान दर्जनों लोग बैठे थे। लेकिन पांच लोगों को गंभीर चोट पहुंची है। जानकारी मिलते ही मौके पर मौजूद पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। पुलिस के अनुसार घायलों की स्थित नियंत्रित है। मामले में छानबीन हो रही है।
पथर्रा में 13 जून यानी गुरूवार को तेज आँधी तूफान के दौारन धरना प्रदर्शन पर बैठे पांच लोग गिरती दीवार की चपेट में आ गए। घटना में पांच लोगों को गंभीर चोट पहुंची है। दीवार गिरने के दौरान मौके पर धरना प्रदर्शन में गांव के दर्जनों लोग बैठे थे। लेकिन ज्यादातर लोग बाल बाल बच गए। स्थानीय लोगों ने घायलों को आनन फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया।
दस पंचायतों का प्रदर्शन
जानकारी देते चलें कि दस ग्राम पंचायतों के सरपंचों की अगुवाई में स्थानीय लोग महावीर कोल वासरी विरोध में एक सप्ताह से धरना पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने धरना प्रदर्शन स्थल प्रस्तावित कोलवाशरी को बनाया है। दीवार के पास टैण्ड लगाकर कोलवाशरी का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन खत्म करवाने का एक सप्ताह से प्रयास कर रहे हैं। बावजूद इसके ग्रामीण प्रदर्शन से हटने को तैयार नहीं है।
दीवार गिरने से पांच घायल
13 जून की दोपहर तेज आंधी तूफान के प्रभाव में कोलवाशरी की दीवार भरभरा कर गिर गयी। गिरती दीवार की चपेट में आने से आधा दर्जन लोग चपेट में आ गए। ज्यादातर लोग दीवार की चपेट में आने से बाल बाल बच गए। लेकिन पांच लोग अपने आप को नहीं बचा सके। घटना के समय मौके पर मौजूद पुलिस के कुछ जवान और धरना में बैठे ग्रामीणों के सहयोग से पांचो को आनन फानन में सीएचसी में भर्ती कराया गया। पुलिस के अनुसार घायलों की स्थित नियंत्रण में है। ईलाज के बाद सभी को अस्पताल से छुट्टी मिल गयी है।
छल प्रपंच से खरीदी गयी जमीन
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि तेज आंधी तूफान से धरना स्थल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। लेकिन हम हार नहीं मानने वाले हैं। कम्पनी ने ग्रामीणो के साथ छल किया है। पहले तो आदिवासी की जमीन छल प्रपंच कर झारखण्ड के आदिवासी व्यक्ति के नाम पर खऱीदा गया। आदिवासियों की 64 एकड़ जमीन खरीदने वाले का नाम झारखण्ड निवासी राजेन्द्र गोंड है। राजेन्द्र गोंड महावीर कोल वाशरी का ड्रायवर है। बाद में कम्पनी ने राजेन्द्र से जमीन अपने नाम करवा लिया है। इससे जाहिर होता है कि प्रशासन और कम्पनी एक दूसरे से मिले हैं। जबकि ग्राम पंचायत ने पहले से ही गांव में कोलवाशरी लगाए जाने का विरोध किया है। पिछली सुनवाई के दौरान आक्रोश भी प्रदर्शन किया था। इसके बाद प्रशासन ने काम काज रोक लगा दिया।
हटने को तैयार नहीं
ग्रामीणों के अनुसार काम काज पर रोक लगाये जाने के बाद भी कम्पनी दीवार खड़ा कर रही है। कम्पनी ने पहले तो आदिवासियों को धोखा दिया। प्रशासन से मिलकर जमीन पर कब्जा किया। अब कोटवारी और सरकारी जमीन को दीवार बनाकर हड़पा जा रहा है। जानकारी के बाद भी प्रशासन मौन है। प्रशासन का आंख कान खोलने के लिए ही टैण्ड लगाकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जब तक प्रशासन हमारी मांग पूरी नहीं होती है..हम धरना प्रदर्शन से हटने को तैयार नहीं है।
दीवार गिरने से घायल लोगों का नाम
1. आलोक गोस्वामी पिता जीतेन्द्र उम्र 18 साल निवासी पथर्रा 2. अनुराग गोस्वामी पिता जीतेन्द्र उम्र 16 साल निवासी पथर्रा 3. बजरहा केंवट पिता जोहन उम्र 42साल निवासी खरगहनी 4. कमल गोंड पिता मुड़िया उम्र 65 साल निवासी खरगहनी 5. शंकर यादव पिता मालिकराम उम्र 44 साल निवासी