नेशनल डेस्क। देश को आज नया संसद भवन मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। धार्मिक अनुष्ठान के बाद अधीनम संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेंगोल सौंपा जिसे नए संसद भवन में स्थापित कर दिया गया है। पीएम मोदी ने नए संसद भवन से अपने संबोधन में कहा कि, ‘नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते हैं। नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है। नई सोच है, दिशा नई है, दृष्टि नई है. संकल्प नया है, विश्वास नया है।
#WATCH | Several years of foreign rule stole our pride from us. Today, India has left behind that colonial mindset: PM Narendra Modi in the new Parliament pic.twitter.com/2MjiPD7lBP
— ANI (@ANI) May 28, 2023
देश की यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें, समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं। आज ऐसा ही अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। आज सुबह ही संसद परिसर में सर्वपंथ प्रार्थना हुई है। मैं सभी देशवासियों को भारतीय लोकतंत्र के इस स्वर्णिम क्षण की बधाई देता हूं। ये सिर्फ एक भवन नहीं, 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। ये विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।
#WATCH | India is the mother of democracy. It is also the foundation of global democracy. Democracy is our ‘Sanskaar’, idea & tradition: PM Modi#NewParliamentBuilding pic.twitter.com/IGMkWlhqrm
— ANI (@ANI) May 28, 2023
नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है: PM
संसद की नई इमारत इस प्रयास का जीवंत प्रतीक बनी है। आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी, कला भी है, कौशल भी है. इसमें संस्कृति भी, संविधान के स्वर भी। आप देख रहे हैं कि लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है। राज्यसभा का हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है और संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। हमारे देश में अलग-अलग हिस्सों की विविधता इस नए भवन में उनसबको समाहित किया है।
लोकतंत्र हमारा ‘संस्कार’, विचार और परंपरा है
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि चोल साम्राज्य में यही सेंगोल कर्तव्य पथ, सेवा पथ, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था। राजाजी के मार्गदर्शन में यहीं सेंगलो सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। तमिलनाडु से विशेष तौर पर आए हुए अधीनम संत आज सुबह संसद में हमें आशीर्वाद के लिए उपस्थित थे। उनके मार्गदर्शन में यह पवित्र सेंगोल स्थापित हुआ है। पीएम ने कहा भारत न सिर्फ लोकतंत्र का सबसे बड़ा देश है, बल्कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है। यह वैश्विक लोकतंत्र की नींव भी है। लोकतंत्र हमारा ‘संस्कार’, विचार और परंपरा है।