मनोज जंगम@जगदलपुर। एनएमडीसी के द्वारा 2010 में नगरनार इलाके में स्टील प्लांट हेतु जमीन अधिग्रहित की गई थी। एनएमडीसी प्रबंधन ने वर्ष 2006 की डेड लाइन रखते हुए जमीन बटवारें को आधार मानकर पुरुष भू प्रभावितों को नौकरी तो दे दी, लेकिन महिला भू प्रभावितों को नौकरी नहीं दी। जिसके बाद महिला आयोग के फैसले के बावजूद एनएमडीसी द्वारा महिलाओं को नौकरी नहीं दिए जाने को लेकर भू प्रभावित महिलाएं एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं।
ऐसी ही 90 से अधिक भू प्रभावित महिलाओं ने महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया था। 2 वर्ष पहले आयोग ने 71 भू प्रभावित महिलाओं के पक्ष में फैंसला दिया था, लेकिन एनएमडीसी प्रबंधन ने आयोग के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी,
एनएमडीसी महिला सशक्तिकरण समिति के सदस्यों ने एक बार फिर एनएमडीसी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है, बता दें कि इस मामले में जिला प्रशासन ने भी 71 में से 4 महिलाओं को अनुशंसा करते हुए एवं एनएमडीसी को नौकरी देने का पत्र लिखा था लेकिन एनएमडीसी ने इस मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं की संबंधित चारों महिलाओं ने कुछ दिन पहले ही एनएमडीसी के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया था लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली अब एक बार फिर भू प्रभावित महिलाओं के संगठन ने आंदोलन का ऐलान किया है।