रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कुछ और आदिवासी नेता पार्टी को अलविदा कह सकते हैं. सर्व आदिवासी समाज के नेताओं का दावा है कि कई आदिवासी नेता पार्टी में अपनी उपेक्षा और अपमान से आहत हैं. ऐसे कई नेता समाज के संपर्क में हैं.
हालांकि समाज के नेताओं ने किसी नेता का नाम बताने से इंकार किया है लेकिन माना जा रहा है कि ताज़ा चुनाव से पहले कई नेता पार्टी छोड़ सकते हैं.
सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं में बस्तर के अलावा दूसरे संभाग के कांग्रेसी नेता भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्हें राहुल गांधी की पहल पर 2018 के चुनाव से पहले पार्टी में फिर से शामिल किया गया था.
अरविंद नेताम ने कहा-“मुझे न तो पार्टी के आयोजनों में बुलाया जाता था और ना ही किसी बैठक की सूचना दी जाती थी. मैंने पहले भी कहा था कि मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता पहले हूं, राजनीतिज्ञ बाद में. ऐसे में मुझे पास कांग्रेस की राजनीति छोड़ कर, आदिवासी समाज के लिए पूर्ण रुप से काम करने का विकल्प बेहतर लगा.”
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद से अरविंद नेताम लगातार हाशिए पर थे. यहां तक कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें सार्वजनिक तौर पर अपमानित करने वाला वक्तव्य दिया था कि नेताम खुद तो संपन्न हो गए हैं लेकिन दूसरे आदिवासियों का विकास नहीं चाहते.
भूपेश बघेल ने अरविंद नेताम को राजनीति छोड़ने की भी सलाह दी थी. इंदिरा गांधी सरकार द्वारा बंद की जा चुकी बोधघाट परियोजना को फिर से भूपेश बघेल शुरु करने पर आमादा थे, जिसका विरोध अरविंद नेताम ने किया था.
इसके बाद पिछले साल भानुप्रतापपुर विधानसभा के उप चुनाव में सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार के पक्ष में अरविंद नेताम के खड़े होने के बाद भूपेश बघेल के साथ उनके रिश्ते और खराब हो गए थे. भूपेश बघेल ने उनकी शिकायत कांग्रेस पार्टी से की थी.
इस शिकायत पर अरविंद नेताम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. नेताम ने इस नोटिस का जवाब दिया तो कांग्रेस पार्टी के नेता खुद ही चुप हो गये.
गौरतलब है कि लगभग 50 साल पहले अरविंद नेताम को इंदिरा गांधी की सरकार में केंद्र में मंत्री बनाया गया था. बाद में वे नरसिंहराव सरकार में भी मंत्री रहे.
कांकेर से पांच बार के सांसद रहे अरविंद नेताम ने अलग-अलग अवसरों पर कांग्रेस पार्टी छोड़ी और फिर कांग्रेस में शामिल हुए.
2012 में कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद से वे सर्व आदिवासी समाज में सक्रिय थे. उन्हें 2018 में राहुल गांधी की पहल पर कांग्रेस पार्टी में फिर से शामिल किया गया था.
तस्वीरः Chhattisgarh
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