गोवर्धन सिन्हा@डोंगरगढ़। सुदूर वनांचल क्षेत्रों में राजस्व भूमि का देखरेख एवं संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है। लालबहादुर नगर तहसील अंतर्गत वनांचल क्षेत्र ग्राम पीटेपानी के पटवारी द्वारा राजस्व रिकार्ड में गड़बड़ी करने व घर बैठे नामांतरण करने मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पिटेपानी हल्का 5 पटवारी साधु राम चंद्रवंशी एवं राजस्व निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता द्वारा हलके के सीमांकन में मनमानी करना एवं ग्रामवासी से मनमाने ढंग से लंबी रकम लेकर कार्य किया जाता है। राजस्व अमला द्वारा रुपए मांगने पर किसान के द्वारा राशि नहीं दे पाने की स्थिति में उनका काम रोक दिया जाता है और लंबे समय तक घुमाया जाता है। इनके व्यवहार से परेशान ग्रामीणों ने पटवारी साधुराम चंद्रवंशी व राजस्व निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता को निलंबित करने का मांग किया गया है।
राजस्व खिलाड़ी पटवारियों का खेल बड़ा निराला है. सरकारी जमीन को रुपए की लालच में जोत कब्जे बताकर किसानों से अधिक राशि की मांग कर उनके नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर देता है । ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार पटवारी द्वारा 5000 से ₹25000 रुपए लेकर 1 एकड़ से 5 एकड़ तक की जमीन जो शासकीय है उसे जोत रिकॉर्ड में रकबा डालकर फर्जी तरीके से ऋण पुस्तिका जारी किया है एवं मनमाने ढंग से जंगल क्षेत्र में जमीन के साथ हेराफेरी कर नामांतरण भी कर रहा है।
शासन को लगा रहा चूना, राजस्व का पहुंचा रहा नुकसान
बता दे कि वनांचल क्षेत्र होने के वजह से क्षेत्र में आदिवासियों का ही अधिक जमीन है उससे सटा हुआ शासकीय भूमि सहित आदिवासियों के जमीन को सामान्य जाति से आने वाले व्यक्तियों के नाम पर मोटी रकम लेकर नामांतरण करते हुए सीधा क्रेता के नाम पर नामांतरण किया जा रहा है। रजिस्ट्री से होने वाले राजस्व को भी डकार रहे हैं। जानकारी के मुताबिक फर्जी तरीके से तहसीलदार के हस्ताक्षर वाले भाग ऋण पुस्तिका में 10-11 पेज नंबर में हस्ताक्षर के बिना फर्जी तरीके से ऋण पुस्तिका बांटा जा रहा है। किसानों के लिए अन्य कार्य पटवारी द्वारा नहीं किया जाता उनके द्वारा किसी अन्य कार्य में व्यस्तता का हवाला देते हुए कृषकों को लंबे समय तक घुमाया जाता है।
दोबारा गलती न करने समझाईश, गांव में दंडित हुआ था पटवारी
पटवारी की हरकतें जब नाक से ऊपर निकला तब ग्रामीणों ने सभा आयोजित कर पटवारी को समझाइस दी एवं दोबारा ऐसी ना गलती करने का सुझाव भी दिया। जिसमे सभा में दंडित भी हुआ था। इसके बाद भी पटवारी द्वारा लगातार मनमानी हल्का के साथ एवं खसरा के साथ हेराफेरी करने से बाज नहीं आया और आज यह स्थिति आ खड़ा है।
सरकारी जमीन 120 एकड़ पर अवैध कब्जा, नामांतरण*
राजस्व की शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा होना वह भी किसी एक के द्वारा नहीं बल्कि लगभग 120 एकड़ में 36 किसानों के नाम पर नामांतरण जोत रकबा दिखाना गंभीर विषय है। शासकीय भूमि खसरा नंबर 260/1 में 30 किसानों का कब्जा, 259/1 में 3 किसानों का कब्जा, 95/1 में 3 किसानों का कब्जा जिसे कानूनी रूप से बी 1 की कॉलम नंबर 10 में नाम दर्ज किया गया है।
भूपेन्द्र ठाकुर तहसीलदार लाल बहादुर नगर*
पटवारी साधु राम चंद्रवंशी के पास से अवैध ऋण पुस्तिका जप्त किया गया है एवं उक्त मामले पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसका जवाब प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने के कारण अनुशासनात्मक एक पक्षी कार्यवाही की जावेगी।