कुछ जगहों पर तापमान में मामूली बढ़ोतरी के बावजूद पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली हवाओं के कारण ठंड बरकरार है। घने कोहरे के कारण गुरुवार को भी सड़क, रेल और हवाई यातायात पर भारी असर पड़ा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के मुताबिक, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोहरे में कुछ कमी रही, लेकिन पंजाब, हरियाणा, पश्चिम राजस्थान, बिहार, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा और असम के कुछ हिस्सों में घना से बहुत घना कोहरा रहा।
अगले पांच दिनों तक इसी तरह की स्थिति का पूर्वानुमान है। दिल्ली, पंजाब व उत्तराखंड में यलो अलर्ट जारी किया गया है। गुरुवार सुबह दिल्ली में आइजीआइ एयरपोर्ट पर घने कोहरे के चलते ²श्यता सुबह साढ़े पांच बजे 50 मीटर तक गिर गई। हालांकि दिन चढ़ने के साथ कोहरा छंटने लगा और दृश्यता के स्तर में सुधार हुआ।
इसका असर उड़ानों की स्थिति पर भी पड़ा और पिछले पांच दिनों में विलंबित उड़ानों की संख्या पहली बार 200 के नीचे 187 रही। चार उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। रांची के बिरसा मुंडा हवाईअड्डे पर 14 उड़ानें रद की गईं। कोहरे के कारण दिल्ली आने वाली 18 ट्रेनें छह घंटे तक की देरी से चलीं। बनारस वंदे भारत एक्सप्रेस छह घंटे से ज्यादा विलंब से नई दिल्ली से रवाना हुई। परिचालन कारणों से 19 जनवरी को यह ट्रेन दोनों तरफ से निरस्त रहेगी।
दिल्ली में न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस रहा। पंजाब में पटियाला का न्यूनतम तापमान सबसे कम 3.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हरियाणा में महेंद्रगढ़ का न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री तक पहुंच गया। उत्तर प्रदेश के कई इलाके भीषण ठंड की चपेट में रहे। पांच डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम तापमान के साथ मुरादाबाद सबसे ठंडा स्थान दर्ज किया गया। झारखंड सरकार ने 25 जनवरी तक स्कूल के समय में बदलाव की घोषणा की है।
दो दिन से लगातार धूप निकलने के कारण जम्मू में कोहरा कम हुआ है और तापमान भी बढ़ा है। कश्मीर में वर्तमान में चिल्ले कलां का दौर चल रहा है। 40 दिन की इस अविध में सबसे अधिक ठंड पड़ती है। भारी हिमपात होता है और तापमान काफी गिर जाता है। किंतु इस बार न तो हिमपात हुआ है और न ही वर्षा।
गत दिनों कुपवाड़ा जिले में गुरेज घाटी की पहाड़ी चोटियों पर दो से तीन सेंटीमीटर हिमपात हुआ था जो कुछ घंटों में ही पिघल गया। हिमाचल के शिमला जिले के ऊंचे वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हंस¨लग, राजरंभा, नंदादेवी, नंदाकोट, सिदमधार, रूढ़धार के साथ ही छिपलाकेदार में बर्फबारी हुई। कुछ दिन पूर्व तक काली नजर आ रहीं चोटियां गुरुवार को बर्फबारी से दमकने लगी। पिथौरागढ़ के मल्ला जोहार क्षेत्र के 14 गांवों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है। शीतकाल में अक्टूबर के अंत व एक बार नवंबर में बर्फबारी हुई थी। उसके बाद से चोटियां बर्फ के लिए तरस रही थीं।
तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में स्थित हिल स्टेशन ऊटी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उधगमंडलम के कंथल और थालाईकुंठा में पारा एक डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। मौसम विज्ञानी इसे ग्लोबल वार्मिंग और अल-नीनो का प्रभाव मान रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि ठंड आम तौर पर नवंबर-दिसंबर में होता है लेकिन इस बार जनवरी में कड़ाके की ठंड है।
नीलगिरी पर्यावरण सामाजिक ट्रस्ट (नेस्ट) के पी. शिवदास ने कहा कि देर से ठंड की शुरुआत और जलवायु परिवर्तन नीलगिरी के लिए बड़ी चुनौती है और इस पर अध्ययन होना चाहिए। दिसंबर में बारिश और इसके बाद ठंड के कारण चाय उत्पादन प्रभावित होने की आशंका जताई रही है। सब्जी उत्पादकों ने भी माना कि ठंड से गोभी के उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा।
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