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पुरानी पेंशन योजना पर बड़ी अपडेट, बहाली पर अड़े कर्मचारी-पेंशनर्स, सरकार को दी चेतावनी, क्या मिलेगा लाभ?

एक तरफ आगामी चुनावों से पहले राज्य की जयराम ठाकुर सरकार कर्मचारियों-पेंशनरों को खुश करने के लिए आचार संहिता से पहले नित नए फैसले ले रही है। वही दूसरी तरफ कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग को लेकर मोर्चा खोल रखा है। ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी क्रमिक अनशन पर हैं। हर जिला मुख्यालय पर कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। वही कर्मचारी-पेंशनर्स संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार तुरंत पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो मिशन रिपीट की बजाए मिशन डिलीट में बदल जाएगा।

न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के बिना भाजपा सरकार के मिशन रिपीट का सपना कभी पूरा नहीं होगा। अगर भाजपा 5-5 वर्ष के सत्ता परिवर्तन के रिवाज को बदलना चाहती है तो ओपीएस लागू करे।वही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भाजपा आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले पुरानी पेंशन योजना बहाल करती है तो महासंघ मिशन रिपीट में पूरा सहयोग करेगा, वरना सभी कर्मचारी मिशन डिलीट के लिए तैयार रहें।

महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना बहाली से कर्मचारियों के साथ साथ सरकार और जनता को भी लाभ मिलेगा । इससे सरकार 14 फीसदी राशि बचा सकती है, जिसका हिस्सा 700 करोड़ बनता है। इसमें 500 करोड़ पेंशन व्यय करके और 200 करोड़ रुपए आम जनता के हितों पर हर वर्ष खर्च किया जा सकता है। कर्मचारियों ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार तुरंत पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो मिशन रिपीट की बजाए मिशन डिलीट में बदल जाएगा। इस बार कर्मचारी विधानसभा चुनाव में अपने बुढ़ापे को देखते हुए वोट करेंगे।

इधर, न्यू पेंशनर कर्मचारी महिला विंग के कर्मचारियों ने भी विरोध जताया. महिला विंग सोलन न्यू पेंशनर कर्मचारियो कहना है कि जिस तरह से साल 2004 से पहले के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन दी जा रही है उसी तर्ज पर अन्य कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाए। कर्मचारियों ने दो टूक बात रखते हुए सरकार को कहा है कि कर्मचारी ही सरकार बनाते हैं ऐसे में कर्मचारियों के साथ भेदभाव न करें।

सत्ता में आते ही लागू करेंगे ओपीएस

इस नाराजगी के बीच कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ओल्ड पेंशन योजना( OPS)को 10 दिन में लागू करने के वादे से हलचल तेज कर रखी है। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो सत्ता में में आने के दस दिन बाद ही पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी।हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने ऐलान किया है कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही 10 दिन के भीतर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे।

ऐसे समझें अंतर

दऱअसल, वर्ष 2003 से पहले वाले कर्मचारियों को सेवाकाल की अवधि और बेसिक के साथ DA को मिलाकर कम से कम 9000 पेंशन मिलता है, जबकि NPS के तहत 2 लाख रुपये तक की जमाराशि पर न्यूनतम 554 रुपये मासिक पेंशन है। इसमें पेंशनर अधिकतम 5000 रुपये, औसतन 2200 से 3000 तक है। हर माह 22 तारीख को बेसिक व DA का 14% हिस्सा NSDL कंपनी के खाते में जाता है। कर्मचारियों का 10% और सरकार की ओर से 14% हिस्सा यानी दोनों शेयर बाजार में निवेश होते हैं।NPS के तहत कर्मचारियों की संख्या 1.10 लाख  तो OPS के तहत 80000 है। छठे वेतन आयोग में अब OPS के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी को न्यूनतम 18000 पेंशन देने का प्रविधान है। NPS लागू होने के बाद 700 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए और 600 मासिक पेंशन ले रहे हैं।

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