चेन्नई। 40 लोगों के दांत तोड़ने वाले तमिलनाडु के IPS बलवीर सिंह को मुख्यमंत्री ने निलंबित कर दिया है। उन पर कुछ लोगों ने पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करने और दांत तोड़ने का आरोप लगाया है। इस मामले को कुछ युवकों ने वीडियो बनाकर वायरल किया तो मामला गरमा गया। IPS बलवीर सिंह को बर्खास्त करने की मांग उठने लगी। आंदोलन हुए, तो मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि उन्होंने आईपीएस बलवीर सिंह को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
तमिलनाडु में अंबासमुद्रम के 10 युवकों ने आरोप लगाया है कि एएसपी बलवीर सिंह के आदेश पर उनके दांत प्लायर से निकाले गए, जबकि 2 पुरुषों ने कहा कि उनके अंडकोष कुचल दिए गए। इस संबंध में स्थानीय कलेक्टर को शिकायत दी गई थी, जिस पर उन्होंने एसडीएम को जांच के आदेश दिए हैं। नेताजी सुभाष सेना और पुरची भारतम सहित राजनीतिक संगठनों ने ASP के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
वायरल वीडियो में एक पीड़ित चेल्लप्पा ने बताया, ‘थाने में बलवीर सिंह सफेद दस्ताने पहने हुए थे. बलवीर ने मुझे अंदर बुलाया जिसके बाद दूसरे पुलिस अधिकारियों ने उसका हाथ पकड़ लिया। फिर बलवीर ने उसके दांत कटिंग प्लास की मदद से तोड़ दिया। उनके भाइयों और दूसरे गुट के लोगों का भी वही हाल हुआ। चेल्लप्पा ने कहा कि घटना को करीब दस दिन हो गए हैं, लेकिन मेरा भाई अब भी बिना किसी सहारे के चल नहीं पा रहा है।
चेल्लप्पा ने पुलिस पर अदालत में पेश करने से पहले धमकी देने का आरोप लगाया है। उसने बताया पुलिस ने उससे कहा कि अदालत में हमें यह नहीं बताना है कि पुलिस स्टेशन में पीटा गया था। साथ ही अगर हमसे हमारी चोटों के बारे में पूछा जाए तो हमें अदालत को यह बताने के लिए कहा गया कि हम नारियल तोड़ते समय पेड़ से गिर गए थे या तो अपनी बाइक से गिर गए थे।
नेताजी सुभाष सेना के अधिवक्ता महाराजन ने आरोप लगाया कि बलवीर सिंह ने अब तक अपने इलाके में करीब 40 लोगों के दांत निकाल दिए हैं। सोशल मीडिया पर तमिलनाडु के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं। कुछ युवक कैमरे पर पर बता रहे हैं कि कस्टडी के दौरान उनके साथ थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया। पत्थर से उसके दांत तोड़े गए तो किसी ने बताया कि आईपीएस ने प्लायर से उसके कान काटे। वीडियो में पीड़ित आरोपी पुलिस अफसर से सुरक्षा की गुहार भी लगा रहे हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में राजस्थान के सांथू निवासी बलवीरसिंह राजपुरोहित ऑल इंडिया में 691वीं रैंक लाकर चयनित हुए थे। बलवीरसिंह ने 24 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की थी। उनके पिता खंगारसिंह ने कृषि कार्य करते हुए उन्हें आईएएस की तैयारी करवाई। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा अच्छी नहीं होने के कारण उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई गांव में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में की। इसके बाद कक्षा 11 व 12वीं विज्ञान वर्ग में बागरा के निजी विद्यालय से उत्तीर्ण की, वहीं बीएससी की पढ़ाई जिला मुख्यालय स्थित वीर वीरमदेव महाविद्यालय से पूरी करने के बाद आईएएस की तैयारी करने जालोर से दिल्ली चले गए। आईआईटी मुंबई से उन्होंने बीटेक किया था।
बलवीर के पिता किसान हैं और गांव में ही खेती करते हैं। बलवीर 6 बहनों के इकलौते भाई हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से उन्होंने परिवार के साथ कृषि कार्य करते हुए जालोर के सरकारी महाविद्यालय से ग्रेजुएशन की, जिसके बाद आगे की तैयारी के लिए दिल्ली गए और वहां तैयारी करते हुए पहले प्रयास में ही चयन हो गया।
हिरासत में प्रताड़ना के कई आरोप सामने आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने बलवीर सिंह आईपीएस को उनके पद से हटा दिया और उन्हें वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि रेवेन्यू डिविजनल लेवल की जांच के आदेश दिए गए हैं और पीड़ितों को समन जारी किया गया है। बलवीर सिंह हरियाणा के 2019 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
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