रोहित कश्यप, मुंगेली। बीते दिनों हुए मुंगेली में 5 साल की मासूम बच्ची के साथ हैवानियत के बाद पुलिस और प्रशासन एक्शन मोड़ पर है,तो वही सामाजिक संस्था एवं निजी स्कूलों के पालकों के द्वारा कलेक्टर से मिलकर सुरक्षा समेत जरूरी कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर मांग कलेक्टर राहुल देव से मांग की है । यही वजह है कि आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में कलेक्टर ने निजी स्कूल संचालकों की बैठक ली।
बैठक में उन्होंने कहा कि स्कूल बसों के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का शत प्रतिशत पालन किया जाए। स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरा व जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से होना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल बसों में लगे सीसीटिवी कैमरा चालू स्थिति में हो और बच्चों के अभिभावकों को भी सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की सुविधा उपलब्ध जरूर कराएं।
उन्होंने सभी स्कूलों में गुड टच एवं बैड टच की गतिविधियां अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को पुलिस विभाग की टीम के साथ संयुक्त रूप से स्कूली बसों में सुरक्षा मानकों का शत प्रतिशत पालन हो रहा है कि नहीं अनिवार्य रूप से जांच करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने निजी स्कूल संचालकों से कहा कि वाहन चालक, परिचालक व स्कूल में कार्यरत कर्मियों का चरित्र सत्यापन जरूर कराएं। ऐसे व्यक्ति जिनके खिलाफ कोई अपराध दर्ज हो उन्हें न रखें। स्कूल बसों में महिलाकर्मी रखा जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल में एडमिशन के समय बच्चे के अभिभावक के साथ बच्चे को स्कूल से लाने ले जाने वाले लोकल गार्जियन का भी नाम, फोटो, मोबाईल नम्बर जरूर चस्पा कराया जाए।
स्कूल के सभी स्टाॅफ की भी बैठक लें और बच्चों के प्रति उनके दायित्व को जरूर बताएं। कलेक्टर ने स्कूल बसों के साथ स्कूल आने जाने के लिए उपयोग होने वाले वैन व आटो सहित अन्य साधनों का रिकार्ड रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल बसों में सुरक्षा मानकों के पालन संबंधी सत्यापन सूची स्कूल संचालक प्रत्येक 03 माह में परिवहन विभाग को उपलब्ध कराएं। उन्होंने संचालकों से कहा कि कोई भी समस्या हो तो जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को अवगत कराएं। बैठक में उन्होंने जिले में संचालित निजी स्कूलों व स्कूलों में संलग्न पंजीकृत बसों की संख्या, स्कूल की बसों की जांच आदि की जानकारी ली।
पुलिस अधीक्षक चन्द्रमोहन सिंह ने कहा कि वाहन चालक, परिचालक व स्कूल में कार्यरत स्टाॅफ का कैरेक्टर वेरिफकेशन के साथ मानसिक जांच जरूर कराएं। बच्चों को अभिभावक व लोकल गार्जियन के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के साथ स्कूल से घर न भेजें। उन्होंने भी सुरक्षा की दृष्टि से बस में लगे सीसीटीवी के फुटेज की सुविधा बच्चे के अभिभावक को मोबाईल के माध्यम से उपलब्ध कराने पर जोर दिया। अपर कलेक्टर श्री तीर्थराज अग्रवाल ने कहा कि सभी स्कूलों में एक शिकायत पेटी जरूर होनी चाहिए। जिसमें बच्चे अपनी समस्याओं से संबंधी पत्र डाल सकें।
स्कूल बस में सीसीटीवी कैमरा चालू स्थिति में और जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से होना चाहिए। स्कूल बस में महिला व बच्चों के लिए हेल्पलाईन नम्बर, बस के बाए भाग में स्कूल का नाम, पता व मोबाईल नम्बर, सामने व पीछे भाग में ‘‘स्कूल बस’’ और निकटतम थाना का नम्बर अंकित होना चाहिए। बस की खिड़कियों में समानान्तर जाली लगी होनी चाहिए।
बस में प्राथमिक उपचार व अग्नि शमन यंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए। बस 12 वर्ष से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए। बस में वैध बीमा, प्रदूषण नियंत्रण तथा टैक्स जमा होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध होना चाहिए। बस के खिड़कियों में रंगीन कांच व पर्दे नहीं लगे होना चाहिए। बस के प्रवेश द्वारा में विश्वसनीय लाकिंग सिस्टम होना चाहिए। बस में स्पीड गति सीमा के पालन हेतु स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए। बस में दाहिनी ओर अच्छी तरह से बंद पर क्रियाशील दरवाजा होना चाहिए।
मुंगेली के इस संस्था के द्वारा विगत दिनों मुंगेली में 05 वर्ष की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के संबंध में मुंगेली कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। संस्था के द्वारा बताया गया कि ज्ञापन का प्रमुख उद्धेश्य अपराधी को कडी से कडी सजा की मांग करना और स्कुली बच्चों के लिए प्रशासन से सुरक्षा सुनिश्चित करानें की मांग करना।
मुंगेली के निजी स्कूल में 5 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना की जांच दण्डाधिकारी के द्वारा जांच कराए जाने अनुरोध किया गया है। साथ ही जिले के सभी निजी स्कूलों कार्यरत कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन, स्कूलों एवं बसों में सुरक्षा के उचित इंतजाम जैसे सी.सी.टी.वी. कैमरा एवं महिला गार्ड की व्यवस्था करने। इसके अलावा दुष्कर्म के दोषीध्अपराधियों को कठोर से कठोर सजा की मांग किया गया जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो।
आपराध को कठोर दण्ड मिले जिससे अपराधियों पर भय का माहौल बना रहे। जिले के सभी निजी स्कूलों को आदेश दिया जाए कि वे बच्चों से संबंधित सुरक्षा में लगे समस्त कर्मचारियों के सभी दस्तावेज तथा आईडी प्रुफ का विशेष ध्यान दें। पीड़ित बच्चे के इलाज की उचित व्यवस्था शासन स्तर कराये जाने का उल्लेख किया गया।
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