परवरिश के दौरान माता-पिता अपने बच्चों की संगत को लेकर परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा कहीं गलत लोगों के साथ ना उठने-बैठने लग जाए। खासतौर से छोटे बच्चे जब अपने जीवन में गलत संगत में पड़ जाते हैं। इसका बुरा प्रभाव जीवनभर रहता हैं। बच्चों की संगत का असर उनके व्यक्तित्व और व्यवहार में दिखने लगता है। इसके लिए बच्चों से नजदीकी बढ़ाते हुए उनकी हरकतों पर नजर रखने की जरूरत होती हैं। बच्चे की संगत का अंदाजा लगने पर आप उन्हें बुरी संगत की चपेट में आने से भी बचा सकते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह बच्चों को बुरी संगत में जाने से बचाने से बचाया जा सकता हैं। आइये जानें इसके बारे में…
बच्चे के दोस्तों की पूरी जानकारी रखें
बच्चे को गलत संगत से बचाने के लिए आपको उसके दोस्तों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। इसलिए आप इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपका बच्चा कैसे लोगों के साथ दोस्ती रखता है। उसके दोस्त कैसे हैं। इसकी जानकारी होने पर उसके गलत संगत में जाने का खतरा कम होगा और आप उसे आसानी से गलत संगत में जाने से बचा सकते हैं। बच्चे के दोस्तों को करीब से जानने के लिए आप घर में किड्स पार्टी रख सकती हैं। बर्थडे के अलावा आप आईसक्रीम पार्टी आर्गेनाइज करें। इससे आप बच्चे के हर दोस्त से रूबरू होंगी और आप हर दोस्त के बारे में करीब से जान पाएंगी।
ना करें उन्हें सीधे मना
अगर आपको ऐसा लगता है कि बच्चे का कोई दोस्त ठीक नहीं है या फिर उसकी संगत में रहकर आपका बच्चा बिगड़ रहा है तो आप कभी भी सीधे ही बच्चे को उससे दूर रहने के लिए ना कहें। दरअसल, यह एक ऐसी उम्र होती है, जब आप बच्चे को कोई काम करने के लिए मना करती हैं या फिर उन्हें उनके दोस्तों से दूर होने के लिए कहती हैं तो बच्चों को आप ही गलत नजर आती हैं। ऐसे में रिश्ते में तनाव उत्पन्न होता है। इसलिए आप कभी भी सीधे तौर पर उन्हें मना ना करें। बेहतर होगा कि आप उस बच्चे की सच्चाई धीरे-धीरे अपने लाडले के सामने लेकर आएं। आप बातों ही बातों में उन्हें समझा सकती हैं कि किस तरह गलत संगत उनके जीवन के लिए खतरनाक है।
बहुत ज्यादा सख्ती से पेश न आएं
जो बच्चे ज्यादा इमोशनल होते हैं उनके साथ सख्ती से पेश न आएं। ऐसे बच्चों से आपको नर्मी बरतनी होगी। जो बच्चे ज्यादा इमोशनल होते हैं वो ज्यादा समझदार भी होते हैं, आप उन्हें कोई बात प्यार से समझाएंगे तो वो आसानी से समझ पाएंगे वहीं अगर आप सख्ती दिखाएंगे तो बात बिगड़ सकती है। बहुत ज्यादा इमोशनल बच्चे सख्ती से पेश आने की वजह से और ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।