बिलासपुर— एक दिन अल्प प्रवास पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया बिलासपुर पहुंचे। प्रदेश प्रभारी के साथ निकाय मंत्री शिव डहरिया, चुन्नीलाल साहू और विधायक शैलेष पाण्डेय औडिशा सांसद सप्तगिरी उल्का के अलावा मेयर समेत कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत किया। इस दौरान सम्मेलन से पत्रकारों को दूर रखा गया। लेकिन कार्यकर्ताओं का दर्ज बन्द कमरे छनकर बाहर आ ही गया। और जीत हार के मंथन के बीच पुनिया पूरे समय कार्यकर्ताओं का दर्द और आक्रोश चुपचाप बैठे झेलते रहे।
बन्द कमरे में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं के सामने प्रदेश प्रभारी समेत सभी वरिष्ठ नेताओं ने जिले में चार विधानसभा में मिली हार को लेकर मंथन किया। हारे हुए विधानसभा क्षेत्र को 2023 में जीत में कैसे बदला जाए सवाल सुनते ही सम्मेलन में मौजूद कार्यकर्ताओं ने आपा खो दिया। और फिर विधानसभावार कार्यकर्ताओं और नेताओं का दर्द बाहर आता गया। इस दौरान सभी कार्यकर्ता और नेताओं ने खुलकर अपनी बातों को रखा। टोका टाकी के बावजूद बोलने वालों ने अपनी आवाज को पुरजोर तरीके से रखा।
सवाल जवाब के दौरान एक नेता ने कहा कि चार साल बाद हाईकमान को कार्यकर्ताओं की याद आयी है। अच्छा होता कि आप लोग विधानसभा चुनाव के बाद आते। और हम बताते कि 2023 में हार क्यों हुई। ऐसा लगता है कि वरिष्ठ लोगों ने हमें पत्तल चाटने आए है और आते रहे हैं। चुनाव के बाद किसी कार्यकर्ता को याद नहीं किया जाता है। नाराज कार्यकर्ता ने यहा तक कह दिया कि बड़े नेता चुनाव के बाद तो दिखाई ही नहीं देते है। उन्हें चाटुकार लोग घेर लेते हैं। और हमें पत्तल चाटने जैसी स्थिति में छोड़ देते हैं।
इस दौरान भाजपा के तौर तरीकों और मीडिया मैनेजमेन्ट मामले को एक कार्यकर्ता ने उठाया। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारे यहां सभी नेता आदेश देने वाले होते हैं। अपना बूथ किसी दूसरे को थमाकर दूसरे बूथ में बघारने और रौब जमाने पहुंच जाते हैं। दरअसल छोटे स्तर यानि बूथ स्तर पर किसी कार्यकर्ता का सम्मान ही नही है। बेहतर होगा कि चाहे छोटा हो या बड़ा नेता..उसे अपना बूथ संभालना चाहिए। इसके बाद बूथ स्तर की रिपोर्ट देखना चाहिए। हमारा हमेशा मानना है कि जिसे बूथ की जिम्मेदारी दी जाए..उसे जिम्मेदारी से निभाए। परिणाम अच्छा आएगा। बड़े नेताओं को भी अपना बूथ देखना होगा।
कार्य़कर्ता ने यह भी कहा कि भाजपा के लोग झूठ को भी सच बताकर जनता का विश्वास जीत रहे हैं। और हम सच को सच बताकर झूठे साबित हो रहे हैं। दरअसल बिलासपुर में मीडिया विंग बहुत ही कमजोर है। इसके लिए सीधे तौर पर बड़े नेता जिम्मेदार हैं। ना तो हमारी खबर छपती है..और छपती भी है तो फोटो के साथ नाम गायब हो जाता है। लोग श्रेय लेने आगे आ जाते हैं। पत्रकार भी हमें तवज्जो नहीं देते हैं।
एक कार्यकर्ता ने यहा तक कह दिया कि कांग्रेस को कांग्रेस ही हराती है। भाजपा में इतना दम नहीं कि कांग्रेस को हरा सके। इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। हमारा नाम तक नहीं आता। फिर ऐसा लगने लगता है कि हम पार्टी के कार्यकर्ता नहीं बल्कि मजदूर हैं।
सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने राजीव मितान योजना पर जमकर गुस्सा उतारा। कार्यकर्ता ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर योजना है किस लिए। गठन कब होगा। इस दौारन विधायक और मेयर बात एक दूसरे पर टालते रहे। मोहन मरकाम ने बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय से पूछा कि योजना में आपकी क्या भूमिका होगी। मेयर ने भी बातों को रखा।
मोहन मरकाम ने इस दौरान मछुआ समाज के चैयरमैन राजेन्द्र धीवर को भी फटकारा। और कहा कि आप सरकार और संगठन का हिस्सा हैं। घूमते रहते हो..कुछ काम भी करो। आपको कार्यकर्ताओं की बातों को गंभीरता से लेना होगा। संगठन का काम कब करोगे। शिकायत को गंभीरता से लेने की आदत डालो। चुनाव सिर्फ एक साल दूर है।
ज्यादातर कार्यकर्ताओं ने कहा कि अधिकारी सनते नहीं..किसी का काम करते नहीं…आज भी हर जगह भाजपाइयों की चलती है। फिर कांग्रेस सरकार और भाजपा सरकार में अन्तर क्या है।
जिला संगठन के एक जिम्मेदार पदाधिकारी ने जिला कांग्रेस कमेटी की रीति नीती पर ही सवाल कर दिया। नेता ने बताया कि आज तक एक बार भी बैठक नहीं हुई। यह जानते हुए भी कि संगकन की भूमिका अहम है। बावजूद इसके जिला से लेकर ब्लाक स्तर तक एक बार भी बैठक नहीं हुई। क्या करना है..जनता के बीच किन बातों और योजनाओं को लेकर पहुंचा जाए। कार्यकर्ताओं को कैसे जोड़ा जाए। आज तक कोई दिशा निर्देश नहीं मिला। चुनाव हारने के लिए इतना सब कुछ काफी है। संगठन में एकरूपता का अभाव है। यहां केवल एकतरफा आदेश और संवाद होता है। जिसके चलते कार्यकर्ता दिशाहीन है।
The post बन्द कमरे में छलका कांग्रेसियों का दर्द..बात पत्तल से.. अपमान तक पहुंची..बताया हमारी कोई नहीं सुनता..दर्द का अफसाना सुनते रहे प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.