नई दिल्ली | डेस्क: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी हार का ज़िम्मा मुसलमानों के सर पर मढ़ा है. उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से एक भी सीट पर बसपा को जीत हासिल नहीं हुई है.
बसपा को पूरे राज्य में महज 9.39 फ़ीसदी वोट मिले हैं.
इसके उलट 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ मिल कर चुनाव लड़ी बसपा को 10 सीटें मिली थीं और राज्य में 19.34 फ़ीसदी वोट मिले थे.
2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी बसपा को राज्य में महज एक सीट मिली थी.
अब मायावती ने लोकसभा में पार्टी की हार के लिए मुसलमानों को जिम्मेवार बताया है.
मायावती ने कहा है कि भविष्य में बीएसपी सोच समझकर मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाएगी.
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, “बहुजन समाज पार्टी का ख़ास अंग मुस्लिम समाज उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद बीएसपी को ठीक से समझ नहीं पा रहा है. अब ऐसी स्थिति में इनको (मुस्लिम समाज) को सोच समझ के ही चुनाव में पार्टी द्वारा मौक़ा दिया जाएगा.”
“ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि भविष्य में इस बार की तरह बीएसपी को नुकसान का सामना नहीं करना पड़े.”
मायावती ने कहा, “इस बार बीएसपी ने अकेले ही बेहतर रिजल्ट लाने के लिए हर सम्भव कोशिश की है. दलित वर्ग खासकर मेरी खुद की जाति के लोगों ने अधिकांश वोट बीएसपी को दिया है. मैं विशेषकर तेहदिल से आभार प्रकट करती हूं.”
मायावती ने यह भी कहा है कि जो नतीजे सामने आए हैं उस पर बीएसपी गंभीरता से कदम उठाएगी.
मायावती ने यह भी कहा है कि चुनाव को बहुत लंबा नहीं खिंचना चाहिए. मायावती ने कहा कि आम लोगों के हितों के साथ चुनाव ड्यूटी में लगने वाले लाखों सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों के हित व सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए.
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