नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए एक कूरियर ने एक विशेष अदालत के समक्ष कहा कि उसे एक साजिश के तहत फंसाया गया है और उसने कभी भी किसी नेता को कोई कैश नहीं दिया है. कैश कूरियर असीम दास और कांस्टेबल भीम सिंह यादव को ED ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से चार दिन पहले 3 नवंबर को गिरफ्तार किया था.
एजेंसी के मुताबिक असीम दास के वकील शोएब अल्वी ने बताया कि दोनों को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया था. अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत सात दिन के लिए बढ़ा दी है.
असीम दास ने जेल से ईडी के निदेशक को एक पत्र लिखा था और 17 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय सहित उच्च अधिकारियों को प्रतियां भी भेजी थीं, जिसमें कहा गया था कि उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है और केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया था. अल्वी ने कहा कि अंग्रेजी एक ऐसी भाषा है जिसे वह नहीं समझते.
वकील अल्वी ने कहा कि उन्होंने अदालत से पत्र को केस रिकॉर्ड के हिस्से के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया. दास ने अपने पत्र में कहा कि बचपन के दोस्त शुभम सोनी द्वारा बुलाए जाने के बाद वह इस साल अक्टूबर में 2 बार दुबई गए थे. उन्होंने कहा, यात्राओं की व्यवस्था सोनी ने की थी. वहीं, ईडी के अनुसार, सोनी इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक है.
अल्वी ने कहा कि असीम दास ने अपने पत्र में कहा कि शुभम सोनी छत्तीसगढ़ में एक कारोबार शुरू करना चाहता था और उसने दास को इसके लिए कैश की व्यवस्था करने का वादा किया. साथ ही उसके लिए काम करने को कहा. जिस दिन उसे गिरफ्तार किया गया, उस दिन दास को रायपुर एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़ी एक कार लेने और रायपुर में वीआईपी रोड पर एक होटल में चेक-इन करने के लिए कहा गया था. बाद में उन्हें सड़क पर गाड़ी पार्क करने के लिए कहा गया, जहां एक व्यक्ति ने कैश से भरा बैग कार में रखा और चला गया.
अल्वी ने कहा कि असीम दास ने पत्र में दावा किया था कि मुझे फोन पर अपने होटल के कमरे में वापस जाने के लिए कहा गया और कुछ देर बाद ईडी के अधिकारी मेरे कमरे में आए और मुझे अपने साथ ले गए. दास ने कहा कि बाद में मुझे एहसास हुआ कि मुझे फंसाया जा रहा है. मैंने कभी भी किसी राजनीतिक नेता या कार्यकर्ता को पैसे या कोई अन्य सहायता नहीं दी है.
जबकि ईडी ने 3 नवंबर को दावा किया था कि फॉरेंसिक जांच और ‘कैश कूरियर’ दास के एक बयान से ‘चौंकाने वाले आरोप’ लगे हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. हालांकि ‘ये जांच का विषय है’.