कोरबा। SECL की कुसमुंडा कोयला खदान के विस्तार से प्रभावित ग्रामीण तेज ब्लास्टिंग से काफी परेशान हैं। इस खदान से लगे गांव में रहने वाले ग्रामीण अब सुरक्षित नहीं है। कोयला उत्पादन के लिए खदान में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग के कारण लोगों के आवास क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ते दिखाई दे रही है। खदान से सटे ग्राम बरपाली में ऐसी की एक घटना सामने जाई है, जिसके चलते लोग दहशत में हैं।
ग्राम बरपाली निवासी हरिदास नामक ग्रामीण की पत्नी ने बताया कि उसकी दोनों बेटियां दोपहर में अपने बच्चों के साथ घर के कमरे में सो रही थी। थोड़ी देर बाद पड़ोस में रहने वाले कमलेश नामक युवक दरवाजे पर आया और उन्हें आवाज देने लगा। उसकी आवाज सुनकर सभी उठ गए और कमरे से बाहर निकल आए। थोड़ी देर बाद अचानक ही कमरे का छप्पर भरभरा कर जमीन पर गिर गया। सभी दौड़ कर कमरे की ओर आए और देखा कि कमरे का पूरा छप्पर जमींदोज हो गया है। इस दौरान सभी भगवान का शुक्रिया अदा करने लगे। कमलेश नामक युवक इनके लिए देवदूत बनकर आया और परिवार के किसी भी सदस्य को कोई चोट नहीं लगी, वरना किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था।
कोरबा जिले में SECL की कोयला परियोनाओं के लिए रोजगार और बसाहट की मांग को लेकर आए दिन आंदोलन हो रहे हैं। जो गांव खदान से बेहद करीब हैं, वे खदान में होने वाले ब्लास्टिंग की परेशानियों से जूझ रहे हैं। यहां के ग्रामीणों ने आये दिन खदान में होने वाली ब्लास्टिंग से परेशान होकर अन्य स्थान पर विस्थापन की मांग को लेकर खदान बंद करा दिया। घंटों बाद प्रबंधन के अधिकारी ब्लास्टिंग कम करने का आश्वासन दे ही रहे थे कि उधर बरपाली गांव में ब्लास्टिंग के दौरान एक घर का छप्पर भरभरा कर गिर गया। संयोग से इस घर में रहने वाला पूरा परिवार घर के बाहर खड़ा था, और सभी बाल-बाल बच गए।
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