नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के परिसरों पर की गई छापेमारी की गई। अधिकारियों ने कहा कि छापे पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), रांची और मुंबई में लालू प्रसाद की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव और राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना से जुड़े परिसरों में मारे गए। केंद्रीय सुरक्षा बलों के सुरक्षा घेरे के साथ करीब दो दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की। उन्होंने कहा कि प्रसाद के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दक्षिण दिल्ली स्थित एक घर पर भी छापा मारा गया जहां लालू प्रसाद के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौजूद थे।
एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि छापों के दौरान 53 लाख रुपये नगद, 1900 अमेरिकी डॉलर, करीब 540 ग्राम स्वर्ण और सोने के 1.5 किलोग्राम जेवरात को जब्त किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, छापे पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR), रांची और मुंबई में लालू प्रसाद की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव और राजद के पूर्व विधायक अबू दोजाना, अमित कत्याल, नवदीप सरदाना और प्रवीण जैन के स्थानों पर मारे गए।
सीबीआई का आरोप
सीबीआई का आरोप है कि प्रसाद के रेल मंत्री के रूप में 2004-09 के कार्यकाल के दौरान भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए मध्य रेलवे में अनियमित उम्मीदवारों की नियुक्ति की गईं। आरोप है कि नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में ‘सब्सिट्यूट’ के रूप में नियुक्त किया गया। आरोप है कि इसके बदले में उम्मीदवारों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित रूप से प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीनें बेचीं। तेजस्वी यादव ने हाल में अपने माता-पिता से सीबीआई की पूछताछ के बाद संवाददाताओं से कहा था कि तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के पास अनुग्रह के बदले में रोजगार देने की ‘‘कोई शक्ति नहीं” थी।