बिलासपुर। देवरीखुर्द स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी ट्रेन मैनेजर सस्ती कीमत में काजू खरीदने के लालच में तीन लाख रुपए के ठगी के शिकार हो गए हैं। ट्रेन मैनेजर ट्रांसपोर्ट ऑफिस में काजू लेने पहुंचे, तब ठगी का पता चला। उनकी शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। मामला तोरवा थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक ट्रेन मैनेजर ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका बेटा अमित कुमार घर पर ही किराना दुकान चलाता है। अमित साल 2020 में चेन्नई स्थित एलाइट स्पाइस कंपनी से संपर्क कर काजू मंगाता था। इसके एवज में वह ऑनलाइन पेमेंट करता था। ऑर्डर करने पर कंपनी की ओर ट्रांसपोर्ट के जरिए काजू की डिलीवरी कराई जाती थी। इस पर अमित के पिता विनोद सिंह ने अपने अकाउंट से संचालक योगनाथ चंद्रन और उसकी पत्नी सुमार्थी एस के बैंक अकाउंट में दो किश्तों में तीन लाख रुपए ट्रांसफर किए। इसके बाद योगनाथ चंद्रन ने अपनी कंपनी के नाम से वीआरएल ट्रांसपोर्ट के नाम डिलीवरी ऑर्डर भेजा। जब अमित डिलीवरी ऑर्डर लेकर काजू लेने ट्रांसपोर्ट ऑफिस पहुंचा, तब ट्रांसपोर्टर ने कंपनी की तरफ से अधिकृत मेल नहीं आने की बात कहते हुए काजू देने से मना कर दिया।
कंपनी के संचालक ने भेजा फर्जी डिलीवरी ऑर्डर
ट्रेन मैनेजर विनोद सिंह ने पुलिस को बताया कि कंपनी के संचालक उमेश कुमार ने काजू डिलीवरी करने के लिए मोबाइल पर वॉट्सऐप के जरिए ऑर्डर भेजा था, जिसे लेकर उनका बेटा अमित ट्रांसपोर्ट ऑफिस गया। वहां जाने पर आधिकारिक मेल नहीं आने की जानकारी दी, तब उसने अपने मोबाइल पर मिला डिलीवरी ऑर्डर दिखाया, जिसे ट्रांसपोर्टर ने फर्जी बताया। इस पर उन्होंने कंपनी के संचालक योगनाथ चंद्रन से संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन, संचालक और उसकी पत्नी ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया। उनकी शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।