मनीष@बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उप सचिव सौम्या चौरसिया को आखिरकार बिलासपुर हाई कोर्ट में बड़ा झटका मिला है, लंबे इंतजार के बाद आखिरकार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में जस्टिस पी से कोशी ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए होल्ड पर रखे डिसीजन को स्पष्ट किया और आखिरकार याचिका खारिज कर दी है।
दरअसल 17 अप्रैल 2023 को इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी और इसके बाद जमानत याचिका पर निर्णय को सुरक्षित रख लिया गया था, अब तक तकरीबन 3 महीने बीत चुके हैं कोर्ट में इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए, जहां एक तरफ याचिका खारिज कर दी है वहीं दूसरी तरफ सौम्या चौरसिया के वकील हर्षवर्धन ने बताया कि वे इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले को बड़े आर्थिक अपराध की श्रेणी में रखा है और इस स्टेज पर आरोपी की जमानत दिए जाने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सचिवालय के उप सचिव की जिम्मेदारी संभालने वाली सौम्या चौरसिया पर कथित तौर पर मनी लांड्रिंग और कोयला घोटाला में कमीशनखोरी का आरोप लगाया गया था। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार को खूब घेरा और इस भ्रष्टाचार के रूप में देखते हुए मौजूदा कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। फिलहाल छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है।।
मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीएम के उप सचिव व राज्य सेवा संवर्ग की अधिकारी सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और अवैध उगाही गिरोह मामले में दोषी ठहराने के 2 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इस फैसले के बाद सौम्या चौरसिया को हाई कोर्ट से करारा झटका मिला। वही उनके वकील हर्षवर्धन ने याचिका खारिज होने पर कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से अपने पक्ष के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई जाएगी। करीब दो महीने पहले 12 दिनों की बहस के बाद रिजर्व किया आदेश 23 जून (शुक्रवार) को जस्टिस पी सैमकोशी ने सार्वजिनक किया। जस्टिस सैमकोशी के कोर्ट विस्तृत ब्योरे की फिलहाल प्रतीक्षा है। पूर्व जानकारी में ईडी के अनुसार प्रारंभिक रूप से ये घोटाला 500 करोड़ से भी ऊपर का है। ईडी ने इस मामले में कई अभियुक्तों की संपत्तियां जब्त की हैं।