बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने 100% महिला आरक्षण को असंवैधानिक माना है। इसके साथ ही लोक सेवा आयोग द्वारा जारी सहायक प्राध्यापक नर्सिंग व डेमोस्ट्रेटर के पदों पर महिलाओं की भर्ती हेतु जारी विज्ञापन को निरस्त कर दिया है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने यह फैसला दिया है।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने दिसंबर 2021 में नर्सिंग कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों व डेमोस्ट्रेटर के 91 पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया था। जून 2013 को जारी राजपत्र के अनुसार चिकित्सा शिक्षा राजपत्रित सेवा भर्ती नियम के अनुसार इन पदों पर भर्ती हेतु केवल महिलाओं को ही पात्र माना गया था। भर्ती हेतु जारी विज्ञापन में भी केवल महिलाओं को ही योग्य मानते हुए पात्र माना गया था। जिसके खिलाफ कोरिया के ऐल्युस ख़लको व आदित्य सिंह ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता घनश्याम कश्यप व नेल्सन पन्ना के माध्यम से याचिका दाखिल की थी। याचिका में जून 2013 में बनाए गए भर्ती नियम व भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी व जस्टिस एनके व्यास की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई में तर्क प्रस्तुत करते हुए बताया था कि जिन पदों हेतु पीएससी ने विज्ञापन जारी किया है, उसकी पढ़ाई पुरुष अभ्यर्थी भी करते हैं। बावजूद इसके उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति ना दिया जाना संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 में उल्लेखित आरक्षण नियमों का उल्लंघन है। तर्को को सुनने के पश्चात डिवीजन बेंच ने भर्ती प्रक्रिया पर स्थगन देते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया था।
राज्य सरकार ने अपना जवाब प्रस्तुत करते हुए बताया कि जिन नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया है वहां सिर्फ महिला अभ्यर्थी एडमिशन लेकर पढ़ाई करती हैं। लिहाजा ऐसे महिला छात्राओं वाले कॉलेज में महिला स्टाफ की नियुक्ति करने हेतु यह विज्ञापन जारी किया गया है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने आज हुई सुनवाई में इसका विरोध करते हुए कहा कि किसी भी भर्ती में 100% आरक्षण देना संविधान का उल्लंघन है। तर्कों पर सहमति व्यक्त करते हुए चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी व जस्टिस एनके व्यास की डिवीजन बेंच ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने किसी भी भर्ती परीक्षा में महिलाओं को 100% आरक्षण देने को असंवैधानिक मानते हुए पूरी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर फिर से विज्ञापन जारी कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट के इस फैसले के पश्चात आरक्षण रोस्टर के अनुसार फिर से भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया जाएगा जिसमें सभी वर्गों को भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने का मौका मिलेगा।