Get all latest Chhattisgarh Hindi News in one Place. अगर आप छत्तीसगढ़ के सभी न्यूज़ को एक ही जगह पर पढ़ना चाहते है तो www.timesofchhattisgarh.com की वेबसाइट खोलिए.

समाचार लोड हो रहा है, कृपया प्रतीक्षा करें...
Disclaimer : timesofchhattisgarh.com का इस लेख के प्रकाशक के साथ ना कोई संबंध है और ना ही कोई समर्थन.
हमारे वेबसाइट पोर्टल की सामग्री केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी जानकारी की सटीकता, पर्याप्तता या पूर्णता की गारंटी नहीं देता है। किसी भी त्रुटि या चूक के लिए या किसी भी टिप्पणी, प्रतिक्रिया और विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र को लगाई फटकार कहा- मीड‍िया और सोशल मीड‍िया पर होती है सबसे ज्‍यादा हेट स्‍पीच
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए मीडिया पर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ” सबसे ज्यादा हेट स्पीच मीडिया और सोशल मीडिया पर है, हमारा देश किधर जा रहा है ? टीवी एंकरों की बड़ी जिम्मेदारी है। टीवी एंकर गेस्ट को टाइम तक नहीं देते, ऐसे माहौल में केंद्र चुप क्यों है ? ” सु्प्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से दो सप्‍ताह में जवाब मांगा है। मामले में अब 23 नवंबर को सुनवाई होगी।

हेट स्पीच मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा क‍ि सबसे ज्यादा हेट स्पीच मीडिया और सोशल मीडिया पर होती है। कोर्ट ने कहा क‍ि हमारा देश किधर जा रहा है? टीवी एंकरों की बड़ी जिम्मेदारी है लेक‍िन टीवी एंकर गेस्ट को टाइम तक नहीं देते हैं। ऐसे माहौल में सरकार चुप क्यों है? कोर्ट ने कहा क‍ि एक सख्त नियामक तंत्र स्थापित करने की जरूरत है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अब 23 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा क‍ि जब धर्म संसद होने जा रही थी तो आपने क्या कार्रवाई की? क्या आपने इसे रोका? इस पर उतराखंड सरकार ने कहा क‍ि हमने धारा 144 लगाई और 4 लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है।

जस्टिस जोसेफ ने कहा क‍ि मुझे नहीं लगता कि कोई भी धर्म हिंसा का प्रचार करता है. कोर्ट ने कहा क‍ि इन मामलों में सजा ऐसी होनी चाहिए कि वह एक मॉडल बन जाए। कोशिश करनी चाहिए कि विशाखा गाइडलाइन की तरह सीमाओं के भीतर हम जो कर सकते हैं वह करें। कोर्ट ने कहा क‍ि असली समस्या संस्थाएं हैं। धर्म क्या है यह मत देखिए?

https://theruralpress.in/2022/09/21/supreme-court-strict-on-hate-speech-reprimanded-the-center-saying-the-most-hate-speech-happens-on-media-and-social-media/