विशेष संवादाता, रायपुर
राजधानी के लोगों को दुर्घटना से बचाने और ट्रेफिक जाम से छुटकारा दिलाने की योजना फेल हो चुकी है। यातायात पुलिस, पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन के सरे इंतज़ाम धरे के धरे रह गए हैं। इस बदइंतज़ामी का खामियाज़ा आम जनता को जान, माल और समय की बर्बादी से चुकाना पद रहा है। तेलघानी नका ब्रिज, गुढ़ियारी अंडर ब्रिज तो सैलून से लोगों की मुसीबत बना हुआ था। अब नए सिरे से बनने के बाद भी बारिश में जल भराव तो दिनभर में तीन समय में लम्बा जाम लग रहा है। इनसे बदतर हालत रिंग रोड-1 से राजेंद्र नगर तेलीबांधा स्थित राजेंद्र नगर, भाठागांव और कुशालपुर चौराहों पर बने अंडर ब्रिज हैं। बढ़ते ट्रैफिक दबाव और लगातार हादसों की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राजेंद्र नगर, भाठागांव और कुशालपुर चौराहों पर तीन ब्रिज मंजूर किया था। इन चौराहों पर ओवरब्रिज और अंडरपास बनाए गए लेकिन ड्राइंग – डिजाइन और ट्रेफिक दबाव की वजह से यहां घंटों जाम लगने लगा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी जब गृह क्षेत्र जाते हैं तो इन्हे रास्तों से जाते हैं। उसी वक्त यहाँ ट्रेफिक पुलिस तैनात होती है। तेलघानी नाका अंडरब्रिज के शुरू होने से तेलघानी नाका पर ट्रैफिक का दबाव अब भी काम नहीं हुआ है। आज सुबह स्कूल टाइम, दोपहर और फिर शाम को यहाँ घंटों जाम की स्थिति निर्मित होती रही।
सुबह 8 बजे, दिन को 11 बजे से 2 बजे फिर शाम 5 से 7 बजे शहर के अंडर ब्रिज में यातायात पुलिस की तैनाती ज़रूरी है। भाटागांव और कुशालपुर ब्रिज व अंडर पास में यात्री बसों की वजह से हादसा हो रहा है। इसी तरह राजेंद्र नगर, प्रियदर्शनी नगर और पचपेढ़ी नका में रांग साइड आने वाले तथा बसों की वजह से लम्बा जाम लग रहा है।