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अफसर चला नहीं करते! कलेक्ट्रेट पहुंची विकलांग महिला से मिलने नहीं पहुंचे कलेक्टर, व्हीलचेयर समेत उठाकर सीढ़ियों से ले गए लोग

एस आर रघुवंशी, गुना। मध्य प्रदेश के गुना में अफसरशाही कितनी हावी है, इसका एक नजारा देखने को मिला है। यहां सड़क हादसे में विकलांग पति की मौत के बाद उसकी विकलांग पत्नी न्याय की गुहार लगाने के लिए कार्यालय पहुंची। चलने में सक्षम न होने की वजह से सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में काफी समस्या हो रही थी। लेकिन पीड़ित पक्ष की तकलीफ समझने के लिए अफसर चलकर आ नहीं सके। बल्कि कुछ लोग महिला को व्हीलचेयर समेत उठाकर उनसे मिलवाने ले गए।

डंपर ने विकलांग को रौंद दिया था

दरअसल, हनुमान चौराहा के पास पीएचई ऑफिस के सामने एक डंपर ने एक विकलांग व्यक्ति को रौंद दिया। यह घटना तब हुई जब विकलांग मृतक शहर में अपने काम से निकला था। हादसे में गंभीर घायल होने की वजह से उसे डॉक्टरों ने ग्वालियर रेफर कर दिया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

सड़क पर चक्काजाम कर 1 करोड़ के मुआवजे की मांग 

विकलांग की मौत के बाद मृतक के परिजनों और विकलांगों ने घटना के विरोध में हनुमान चौराहे पर मृतक की डेड बॉडी रखकर चक्काजाम कर दिया। उनकी मुख्य मांग थी कि मृतक की विकलांग पत्नी को नौकरी और 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।

विकलांग यूनियन पहुंचे कलेक्ट्रेट

प्रदर्शन के बाद, विकलांगों यूनियन के लोग मृतक की पत्नी के साथ रात में कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने मृतक की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और 1 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की। हालांकि, जिला कलेक्टर मृतक की विकलांग पत्नी से मिलने के लिए नीचे नहीं आए।

लिफ्ट खराब होने पर उठाकर ले गए

लिफ्ट खराब होने के कारण मृतक की विकलांग पत्नी को चार लोगों के द्वारा उठा कर कलेक्ट्रेट में कलेक्टर ऑफिस में अंदर ले जाना पड़ा। रोते हुए विकलांग पत्नी ने कहा मेरा पति गुब्बारे बेचकर परिवार का खर्च चलाता था। अब मेरी बच्ची की परवरिश कौन करेगा?” इसके बाद जिला कलेक्टर ने परिजनों को 15 हजार की सहायता राशि स्वीकृत की। 

बेखौफ वाहन चालक, खौफ में नागरिक

स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर शहर में नो एंट्री का सख्ती से पालन किया जाता, तो यह दुर्घटना नहीं होती। दिनभर बेखौफ भारी वाहन शहर की सड़कों पर दौड़ते हैं, जिससे सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक हो गई है।

इस हादसे ने न केवल एक परिवार को संकट में डाल दिया है, बल्कि शहर की सड़क सुरक्षा की गंभीरता को भी उजागर किया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।

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