पश्चिम एशिया (मध्य पूर्व) में इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस्राइल को चेतावनी दी है। उन्होंने बदले की कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा, “दुनिया भर के मुसलमानों” और “प्रतिरोधक ताकतों” को कोई नहीं रोक पाएगा। खामेनेई ने कहा कि अगर इस्राइल ने गाजा में अपने “अपराध” जारी रखे तो प्रतिरोधक ताकतें भी जवाब देंगी। उन्होंने कहा, गाजा पर बमबारी तुरंत बंद होनी चाहिए।
जायोनी शासन के अधिकारियों पर मुकदमा
ईरान की सरकारी टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने मंगलवार को कहा कि अगर फलस्तीनियों के खिलाफ जायोनी शासन के अपराध जारी रहे तो कोई भी मुसलमानों और प्रतिरोध बलों का सामना नहीं कर सकता। गाजा में फलस्तीनियों के खिलाफ अपराधों के लिए जायोनी शासन के अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
ईरान फलस्तीन के मुद्दे पर आक्रामक
गौरतलब है कि ईरान, पश्चिमी एशिया (मध्य पूर्व) के आसपास अपने गठबंधन वाले सशस्त्र समूहों को प्रतिरोध की धुरी का हिस्सा बताता है। 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से, ईरान के मौलवी शासक फलस्तीनी मुद्दे के समर्थन में मुखर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेहरान हमास को समर्थन देता है। खबरों में दावा किया गया है कि ईरान खुलेआम गाजा को नियंत्रित करने वाले इस्लामी समूह का वित्त पोषण करता है। इसके साथ ही ईरान हथियार भी देता है। पश्चिम एशिया के जानकारों का मानना है कि इस्राइल के खिलाफ ईरान का उग्र व्यवहार कोई रहस्य नहीं है।
75 साल के इतिहास में सबसे भयानक हमला, नेतन्याहू की कसम
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इस्राइली शहरों में हमास ने अंधाधुंध रॉकेट हमले किए। मुख्य रूप से नागरिकों की हत्या के बाद बौखलाए इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को नष्ट करने की कसम खाई है। हमास के हमले को इस्राइल के 75 साल के इतिहास में सबसे घातक हमला माना गया।
संकट में फलस्तीनी आबादी की जान, 50 हजार गर्भवती
इस्राइल ने हमास के हमलों के बाद गाजा पट्टी पर हवाई हमले किए। इस्राइली सेना की बमबारी में 2,800 से अधिक फलस्तीनियों के मारे जाने की खबर सामने आई है। मरने वाले लोगों में से एक चौथाई बच्चे हैं। खबरों के अनुसार, 2.3 मिलियन गाजावासियों में से लगभग आधे को उनके घरों से निकाल दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस महीने में करीब पांच हजार गर्भवती महिलाओं का प्रसव भी संभावित है। अनुमान के अनुसार, गाजा पट्टी पर लगभग 50 हजार महिलाएं गर्भवती हैं।
गाजा पट्टी पर मानवीय सहायता खत्म हो रही है
इस्राइल ने गाजा पट्टी पर आतंकी ठिकानों की मौजूदगी का हवाला देते हुए एन्क्लेव पर पूर्ण नाकाबंदी लगा दी है। गाजा पट्टी पर हालात बेहद संवेदनशील और नाजुक हो चुके हैं। इसका अंदाजा इसी से होता है कि भोजन, ईंधन और चिकित्सा आपूर्ति अवरुद्ध हो गई है। शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी का भी कहना है कि मानवीय सहायता तेजी से खत्म हो रही हैं।
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