भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टरों ने गोवा में महादयी वन्यजीव अभयारण्य में जंगलों में पिछले पांच दिन से लगी आग की स्थिति का बुधवार को आकलन किया। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी।
राज्य के वन मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि ऐसा लगता है कि पश्चिमी घाट के हिस्से और जैव विविधता से भरपूर इस क्षेत्र में आग लगाई गई है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने आग बुझाने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।
अधिकारियों ने कहा कि राज्य की अग्निशमन व आपातकालीन सेवाएं और वन विभाग के दल अब तक कई स्थानों पर लगी आग पर काबू पाने में विफल रहे हैं। मंत्री राणे ने कहा कि नौसेना के हेलीकॉप्टरों ने बुधवार को सात से आठ उड़ान भरके सर्वेक्षण किया।
इस बीच मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने कहा है कि इस घटना में किसी वन रक्षक की लापरवाही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा अगर किसी ने जानबूझकर ऐसा किया होगा, तो उसे भी नहीं बख्शा जाएगा।
विश्वजीत राणे ने बुधवार को सिलसिलेवार ट्वीट कहा कि हमने अतिरिक्त हेलीकॉप्टरों की सैद्धांतिक मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय से मदद ली है। प्रथम दृष्टया यह मानव निर्मित घटना प्रतीत होती है। बीती रात को मुख्यमंत्री के साथ हुई चर्चा के अनुसार विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।
पणजी में पत्रकारों के साथ बातचीत में विश्वजीत राणे ने कहा कि उनका विभाग हाल के दिनों में महादयी वन्यजीव अभयारण्य में आग लगने की कई घटनाओं को देखते हुए वन क्षेत्रों में लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करेगा। उन्होंने कहा कि अभयारण्य के अंदर शरारत करने वाले लोगों पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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