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रायपुर/अंबिकापुर। कमिश्नर संभाग का प्रमुख होता है…उसके अधीन कई जिले और वहां के कलेक्टर होते हैं। कलेक्टरों का वे सीआर भी लिखते हैं। मगर अंबिकापुर संभाग में गजब हो गया। कमिश्नर शिखा राजपुत तिवारी ने एक तहसीलदार को मनेंद्रगढ़ का तहसीलदार नियुक्त किया तो अगले दिन कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा ने अलग आदेश निकाल अपने पसंद के तहसीलदार को बिठा दिया। और कमिश्नर के तहसीलदार को रिमोट एरिया में भेज दिया।
बताते हैं, राज्य सरकार ने जिस तहसीलदार को जून में मनेंद्रगढ़ में पोस्टिंग दी थी, उसने ज्वाईन नहीं किया। इस पर कमिश्नर शिखा तिवारी ने निलंबित तहसीलदार मनहरण राठिया को बहाल करते हुए 1 अगस्त को उसे मनेंद्रगढ़ का तहसीलदार नियुक्त कर दिया। कलेक्टर दुग्गा को जब यह जानकारी मिली तो उन्होंने 2 अगस्त को एक अलग से आदेश निकालकर नीरज तिवारी को मनेंद्रगढ़ का तहसीलदार बना दिया और कमिश्नर ने जिस तहसीलदार को नियुक्त किया था, उसे रिमोट एरिया में ट्रांसफर कर दिया।
ब्यूरोक्रेसी के जानकारों का कहना है कि कमिश्नर को तहसीलदार पोस्टिंग का अधिकार है। मगर कमिश्न के आदेश को कलेक्टर इग्नोर नहीं कर सकता। पता चला है, शिखा और दुग्गा दोनों एक ही बैच के आईएएस हैं…2008 के। हो सकता है, कलेक्टर ने इसी चक्कर में कमिश्नर के आदेश को ओवरलुक कर दिया हो। बहरहाल, देखिए कमिश्नर और कलेक्टर द्वारा निकाले गए अलग-अलग आदेश…