(रवि भोई)कहते हैं कांग्रेस के कुछ बड़े नेता अपनी जगह अपने बेटे-बेटियों या दूसरे रिश्तेदारों को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री और विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कांग्रेस की प्रभारी महासचिव सुश्री सैलजा से अपनी जगह रायपुर ग्रामीण से अपने बेटे पंकज शर्मा को टिकट देने का आग्रह किया है। पंकज अभी रायपुर जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। चर्चा है कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत भी अपनी जगह अपने बेटे को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। मंत्री रविंद्र चौबे ने अपने बेटे को क्षेत्र में सक्रिय किया है। खबर है कि प्रेमनगर के विधायक खेलसाय सिंह अपनी जगह अपने किसी रिश्तेदार के लिए टिकट चाहते हैं। माना जा रहा है कि पार्टी भी कुछ विधायकों की टिकट काटकर उनके रिश्तेदारों को टिकट दे सकती है। अब देखते हैं इस फार्मूले की जद में कौन-कौन आते हैं। अमितेश शुक्ल की जगह उनके बेटे को उम्मीदवार बनाने की बात हवा में है।
भाजपा हाईकमान का एक्शन
चुनाव की घोषणा से पहले ही भाजपा हाईकमान ने छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 21 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर सभी को चौंका दिया। कहते हैं भाजपा के प्रदेश नेता जिन सीटों के लिए तीन-तीन दावेदारों का पैनल बना रहे थे, उनमें से भी कुछ सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए। चर्चा है कि भाजपा हाईकमान के इस एक्शन से प्रदेश के नेताओं को जोर का झटका लगा है। खबर है कि प्रदेश के नेताओं ने केंद्रीय चुनाव समिति के सामने 37 सीटों के लिए पैनल सौंपा, जिसमें चार सीटों के लिए सिंगल नाम था। चारों सीटों में ही बिजनेस कम्युनिटी से जुड़े लोगों का नाम दिया गया था। बताते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं को नए सिरे से दावेदारों का पैनल बनाने का सुझाव देकर 21 प्रत्याशियों की घोषणा करवा दी।
रिटायर्ड अफसरों का भाजपा मोह
विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में रिटायर्ड अफसरों का जमावड़ा शुरू हो गया है। 2018 के विधानसभा चुनाव से आईएएस की नौकरी छोड़कर ओपी चौधरी ने भाजपा का दामन थामा और खरसिया से चुनाव भी लड़े, पर वे हार गए। अब उनके रायगढ़ सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है। रिटायर्ड आईएएस गणेशंकर मिश्रा, आर पी एस त्यागी और रिटायर्ड आईएफएस एसएसडी बड़गैया भी भाजपाई हो गए हैं। त्यागी जी 2018 के चुनाव के पहले कांग्रेस में गए थे। अब 2023 के चुनाव के पहले भाजपा में आ गए हैं। कहते हैं इन तीनों अफसरों के मन में भी चुनाव मैदान में दो-दो हाथ करने की इच्छा है। भाजपा हाईकमान इनकी मन की मुराद पूरी करती है या नहीं, यह समय बताएगा। चर्चा है कि गणेशंकर मिश्रा धरसींवा और बड़गैया की नजर लोरमी सीट पर है। सारंगढ़ के रहने वाले बड़गैया बिलासपुर इलाके में अफसरी कर चुके हैं। कहा जा रहा है चुनाव से पहले कुछ रिटायर्ड अधिकारी या नौकरी त्यागकर कुछ अफसर भाजपा आ सकते हैं।
डॉ विमल चोपड़ा और सम्पत अग्रवाल में मुकाबला
भाजपा ने महासमुंद जिले की चार में से दो सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। खल्लारी और सराईपाली में महिलाओं को मैदान में उतारा गया है, ऐसे में माना जा रहा है कि अब महासमुंद जिले में महिला दावेदारों का पत्ता साफ़ हो गया है। महासमुंद सीट के लिए डॉ विमल चोपड़ा और बसना से सम्पत अग्रवाल को सशक्त दावेदार माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि महासमुंद जिले में व्यापारी वर्ग से एक ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। डॉ विमल चोपड़ा और सम्पत अग्रवाल व्यापारी वर्ग से संबंध रखते हैं, ऐसे में किसी एक की ही किस्मत चमक सकती है। अब देखते हैं किसकी लाटरी निकलती है। डॉ विमल चोपड़ा महासमुंद से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं, वहीं सम्पत अग्रवाल 2018 में बसना से निर्दलीय चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर थे।
कांग्रेस की रणनीति पर भाजपा
कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को घेरने के लिए उनकी घोर विरोधी रही करुणा शुक्ला को राजनांदगांव में उनके खिलाफ खड़ा किया था , अब वही फार्मूला अपनाकर भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ उनके रिश्तेदार विजय बघेल को पाटन से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। चुनावी मैदान में भूपेश बघेल और विजय बघेल के बीच मुकाबला पुराना है। दोनों ही एक-दूसरे को पटखनी दे और खा चुके हैं। 2023 का मुकाबला रोचक रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस बार सांसद विजय बघेल का मुकाबला मुख्यमंत्री से होना है।
क्या रमेश बैस के लिए रास्ता खुला
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के सक्रिय राजनीति में वापसी की चर्चा बड़े दिनों से है। रमेश बैस के 76 वें जन्मदिवस पर इसी दो अगस्त को रायपुर में एक बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। कहा जा रहा था कि सक्रिय राजनीति में वापसी में उम्र बड़ी बाधा बन रही है ,क्योंकि भाजपा में 75 पार के नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डालने की परंपरा चल पड़ी है। लेकिन भाजपा ने मध्यप्रदेश में 75 पार के नेता जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को अशोकनगर जिले के चंदेरी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में 76 साल के रमेश बैस के लिए सक्रिय राजनीति में वापसी और विधानसभा चुनाव में दावेदारी के लिए रास्ता साफ़ माना जा रहा है।
कांग्रेस की लिस्ट सितंबर में
पिछले दिनों विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस भी जल्द उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। चर्चा है कि कांग्रेस की पहली सूची सितंबर के पहले सप्ताह में आ सकती है। वैसे कांग्रेस में अभी दावेदारों से आवेदन लिए जा रहे हैं और कांग्रेस की महासचिव सैलजा जगह-जगह जाकर नेताओं-कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रही हैं। कहा जा रहा है कि कई जगह नेताओं-कार्यकर्ताओं का वर्तमान विधायकों को लेकर गुस्सा भी फूट रहा है। वहीं दावेदारों की भीड़ उमड़ रही है। बताते हैं ट्रैक से बाहर हो चुके कांग्रेसी नेता भी टिकट के लिए दावेदारी से चूक नहीं रहे हैं।
एसपी की लिस्ट का इंतजार
कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले सरकार पुलिस अधीक्षकों में हेरफेर कर सकती है। एसपी से ऊपर और नीचे के अफसरों में बदलाव हो चुका है। पिछले दिनों सरकार ने आईजी स्तर में हेरफेर किया। एएसपी स्तर के अफसरों की सूची भी जारी हो चुकी है। इस कारण एसपी के लिस्ट का सभी को इंतजार है। कई आईपीएस अलग-अलग जिलों में रहकर लंबे समय से कप्तानी कर रहे हैं, उनके बदले जाने की संभावना है।
भीमसिंह फिलहाल श्रम आयुक्त ही
कहते हैं 2008 बैच के आईएएस भीमसिंह को अब तक छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का प्रभार नहीं मिला है। सरकार ने भीमसिंह को बिलासपुर संभाग के कमिश्नर पद से तबादला कर श्रमायुक्त के साथ राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का प्रभार सौंपा था।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक हैं।
The post कही-सुनी: दिग्गज कांग्रेसियों के बेटे-बेटियों की दौड़ appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.