(रवि भोई )भाजपा ने भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ आरोप पत्र बनाकर जारी करने का फैसला लिया, उसके एक दिन पहले ही कांग्रेस ने रायपुर में मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल को लेकर आरोप पत्र जारी कर दिया। महीनों से तैयारी करने के बाद भी भाजपा पीछे रह गई। भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ आरोप पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो सितंबर को रायपुर में जारी किया। खबर है कि आरोप पत्र के बहाने अमित शाह ने भ्रष्टाचार का लेप लगाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तीखे तीर छोड़े। 2003 के विधानसभा चुनाव के पहले भी भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुखिया अजीत जोगी के फोटो के साथ आरोप पत्र जारी किया था। अब 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले वर्तमान कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल के फोटो के साथ आरोप पत्र जारी किया है।आरोप पत्र में आईएएस-आईपीएस और कई विषयों का उल्लेख है,पर कभी भाजपा नेताओं के साथ गलबहिये डालने वाले कोल स्कैम के एक आरोपी का आरोप पत्र में नाम न होना चर्चा का विषय है।
उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के तीर
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने पिछले दिनों सरगुजा इलाके में बातों ही बातों में ही तीर चला दी। टीएस सिंहदेव ने ये तीर अपने दुश्मनों पर चलाई, जिन लोगों ने उनके बुरे दिनों में कांटे बोने का काम किया था। टीएस सिंहदेव ने निशाना साधते किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि लक्ष्य में तो विधायक वृहस्पत सिंह थे। यह तो सभी जानते हैं कि सरगुजा इलाके में टीएस सिंहदेव की अच्छी पकड़ है और उनके सहयोग तथा समर्थन के बिना कांग्रेस का प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सकता। माना जा रहा है कि वृहस्पत सिंह ने सिंहदेव को घेरने के लिए चक्रव्यूह बनाया था। इसके चलते टीएस सिंहदेव को राजनीतिक नुकसान भी हुआ। सिंहदेव साहब तभी से वृहस्पत सिंह से नाराज चल रहे हैं। खबर है कि टीएस सिंहदेव रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र से अजय तिर्की को कांग्रेस उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। सिंहदेव के समर्थक अजय तिर्की को प्रोजेक्ट भी कर रहे हैं। अब देखते हैं टीएस सिंहदेव भारी पड़ते हैं या वृहस्पत सिंह।
क्या अमित जोगी पाटन से चुनाव लड़ेंगे
चर्चा है कि जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी इस बार पाटन विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं। कहते हैं अमित जोगी ने पिछले दिनों पाटन विधानसभा में सभा ली और अपने कार्यकर्ताओं से भेंट-मुलाक़ात की। भाजपा ने पाटन विधानसभा क्षेत्र के लिए सांसद विजय बघेल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पाटन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सीट है। वे यहाँ से अभी विधायक हैं। माना जा रहा है कि पाटन सीट से अमित जोगी के चुनाव लड़ने से मुकाबला रोचक हो जाएगा। वैसे अमित मरवाही सीट से एक बार विधायक रह चुके हैं। जाति प्रमाणपत्र के चक्कर में वे पिछली बार मरवाही उपचुनाव नहीं लड़ पाए। जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद उनको नई सीट तलाशनी ही पड़ेगी। इस कारण शायद वे राजनीतिक लाभ के लिए पाटन की ओर रुख करने के मूड में हैं।
भाजपा बदल सकती है दो प्रत्याशी
कहते हैं भाजपा अब तक घोषित 21 प्रत्याशियों में से दो प्रत्याशी को बदल सकती है। चर्चा है कि संघ के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में दो प्रत्याशियों को लेकर भारी असंतोष सामने आया है। किन दो प्रत्याशियों को बदले जाने का मन बनाया गया है , इसका खुलासा अभी कोई नहीं कर रहा है। वैसे प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भाजपा के भीतर मुखालफत की आग सुलगने लगी है। सराईपाली विधानसभा में तो बगावत ही हो गया। यहां से 2018 में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी रहे श्याम तांडी दल-बल के साथ कांग्रेस में चले गए। यहां गांडा समाज भी प्रत्याशी चयन को लेकर मुखर हो गया है। अब देखते हैं क्या होता है।
अब नहीं बनेगी भाजपा की चुनाव अभियान समिति
कहते हैं कि चुनाव अभियान समिति के प्रमुख को लेकर विवाद की स्थिति बनने के कारण अब भाजपा हाईकमान ने छत्तीसगढ़ में इस समिति को नहीं बनाने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी ओम माथुर इस समिति का मुखिया विधायक बृजमोहन अग्रवाल को बनाना चाहते थे। उन्होंने इसका प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा था, लेकिन डॉ रमन सिंह इस समिति की कमान धरमलाल कौशिक को दिए जाने के पक्ष में थे। खबर है कि विवाद के कारण जेपी नड्डा ने समिति गठन का प्रस्ताव टाल दिया है।
अब ईडी के निशाने पर आईपीएस
कहते हैं ईडी के निशाने पर अब राज्य के कुछ आईपीएस अफसर निशाने पर आ गए हैं। कोल लेवी के मामले में भी कुछ पुलिस अधिकारी ईडी के टारगेट में आए थे, लेकिन ईडी ने तब उन पर शिकंजा नहीं कसा था। ईडी की काली सूची में आए पुलिस अफसरों को राज्य सरकार ने ही किनारे लगा दिया। इस कारण मामला आगे नहीं बढ़ पाया। कोल लेवी मामले में ईडी आईएएस और माइनिंग अफसरों के इर्द-गिर्द ही घूमती रही। कहा जा रहा है महादेव एप के बहाने ईडी पुलिस अफसरों को निशाने पर ले सकती है। पुलिस अफसरों के नामों को लेकर राज्य में अफवाहों का बाजार गर्म है।
बैज के खास महासचिव बने गेंदू
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने अपने करीबी मलकीतसिंह गेंदू को अंततः महासचिव संगठन और प्रशासन का जिम्मा सौंप दिया। इसकी चर्चा दीपक बैज के पीसीसी चीफ बनने के बाद से ही थी। प्रदेश कांग्रेस में अपने करीबी को महासचिव संगठन और प्रशासन बनाने की परंपरा मोतीलाल वोरा ने शुरू की। मोतीलाल वोरा ने अपने विश्वस्त सुभाष शर्मा को यह जिम्मेदारी दी थी। चरणदास महंत ने अपने किसी करीबी को महासचिव संगठन और प्रशासन बनाने की जगह सुभाष शर्मा को ही चलाते रहे। वैसे धनेन्द्र साहू के जमाने में भी फेरबदल नहीं हुआ था। जब भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने तो उन्होंने सुभाष शर्मा की जगह गिरीश देवांगन को महासचिव संगठन और प्रशासन बना दिया। मोहन मरकाम के कार्यकाल में पहले रवि घोष ने यह जिम्मेदारी संभाली। कुछ काम अमरजीत चावला को मिला। इस पर बाद में विवाद भी हुआ। मोतीलाल वोरा द्वारा शुरू की गई परंपरा को दीपक बैज ने आगे बढ़ाया।
छग भाजपा की मौजूदा हालात से संघ खफा
कहते हैं कि पिछले दिनों सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के नेतृत्व में रायपुर में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें 2023 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत को लेकर संघ के नेता आश्वस्त नहीं दिखे। कहा जा रहा है कि संघ के नेताओं ने राज्य में भाजपा की स्थिति को कांग्रेस के मुकाबले कमजोर पाया। खबर है कि अब संघ के नेता जिलों में भाजपा पदाधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे और 2023 में राज्य में भाजपा की सरकार बनवाने में पूरी ताकत लगाएंगे।
ईडी के बड़े एक्शन की चर्चा
चर्चा है कि सितंबर के दूसरे हफ्ते में ईडी छत्तीसगढ़ में कोई बड़ा एक्शन कर सकती है। राज्य में ईडी कोल स्कैम, शराब और माइनिंग के अलावा चावल वितरण में गड़बड़ी, डीएमएफ की राशि आबंटन में गड़बड़ी, जल जीवन मिशन और महादेव एप के जरिये ऑनलाइन सट्टा की जाँच कर रही है। कोल स्कैम, शराब और महादेव एप में कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं। अब देखते हैं ईडी का अगला एक्शन क्या होता है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक हैं।)
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