पांडु नदी उफनाने से दक्षिण क्षेत्र के डूब क्षेत्र की बस्ती में रहने वाले लोगों में चिंता बढ़ गई है। नदी में पानी बढ़ने से सबसे ज्यादा बर्रा आठ वरुण विहार की बस्ती प्रभावित हुई हैं।कई झोपड़ियों में पानी भर गया। हालांकि यह पहले से ही खाली थीं। वहीं मेहरबान सिंह का पुरवा के कुछ मकानों में भी पानी भर गया। लोग छत पहली मंजिल व छत पर त्रिपाल डालकर रह रहे हैं।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से हर वर्ष पांडु नदी उफना जाती है, जिससे नदी किनारे(डूब क्षेत्र) की बस्तियों की हजारों झोपड़ियों में पानी भर जाने से गृहस्थियां बर्बाद होती थी। इसको लेकर बीते वर्ष सिंचाई विभाग ने बस्ती के लोगों को नोटिस भी भेजी थी, जिससे लोग बस्ती खाली कर दें,लेकिन लोग नहीं माने और फिर से वहीं रहने लगे।
इस वर्ष भी ऐसी बस्ती को चिह्नित कर सिंचाई विभाग ने सूची तैयार की है,लेकिन उन्हें खाली कराने का कोई प्रयास नहीं हुआ। अब गंगा का जलस्तर बढा तो पांडु नदी भी उफना गई, जिससे बर्रा आठ वरुण विहार, मेहरबान सिंह का पुरवा के किनारे की बस्ती में पानी भर गया।
वहीं, मेहरबान सिंह का पुरवा में नदी किनारे के कुछ मकानों में लोगों ने पीछे से भी दरवाजे खोल रखे हैं। इससे नदी का पानी उनके घरों में भी भर गया। गृहस्थी खराब होने पर लोग पहली मंजिल व छतों पर त्रिपाल लगाकर रह रहे हैं।
बिहारीपुरवा, मोहनपुरम, जरौली फेस वन और टू समेत सोसाइटी क्षेत्र बसा दिए गए हैं। बिहारीपुरवा में रहने वाले दीपक शर्मा, राजेंद्र, संजय के मुताबिक, जब उन्हें प्लाट दिखवाया गया तो पांडु नदी दूर थी और उसे नदी दूर थी और प्लाट सस्ते थे। इसलिए ले लिए। अब जब मकान बनवा लिए तो नदी के उफनाने का डर रहता है। बीते वर्ष तो पूरी ग्रहस्थी खराब हो गई थी।