मनीष सरवैया@महासमुंद। धान खरीदी 1 नवंबर से प्रारंभ होने की जानकारी होने के बाद अब किसान एक-एक दाना धान खरीदी की मांग को लेकर लामबंद हो गए हैं। इसके अलावा किसान भाजपा शासनकाल के दो साल के बोनस की मांग कर रहे हैं।
इसी कड़ी मे तेंदुकोना क्षेत्र के आठ गांव के किसान इन्हीं दो मांगाे को लेकर कलेक्टरेट का घेराव कर नारेबाजी की। साथ ही किसानों ने क्षेत्र में नकली दवाइयों की बिक्री रोकने व सिकासेर बांध से किसानों को पानी दिए जाने की मांग भी की। किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन अपर कलेक्टर को सौंपा।
हर साल प्रति एक एकड़ में 22 से 25 क्विंटल धान की पैदावार
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि हर साल प्रति एक एकड़ में 22 से 25 क्विंटल धान की पैदावार होती है, लेकिन शासन प्रति एकड 14.80 क्विंटल धान खरीदती है। इसके बाद शेष धान को हम लोग औने-पौने दाम में कोचियों और मिलरों को बेचने को मजबूर हैं। जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वर्तमान की सरकार ने पूर्व में किसानों का एक-एक दाना धान खरीदी करने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था। वहीं बीजेपी शासन काल के शेष दो साल का बोनस भी देने की बात कहीं थी, लेकिन आज तक दो साल का बकाया बोनस राशि नहीं मिला है। मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से मांग कर रहे है कि वे एक-एक दाना धान खरीदी, दो साल का बोनस दे, सिकासेर बांध से बागबाहरा क्षेत्र के किसानों को पानी पहुंचाने की व्यवस्था करें एवं नकली दवाईयों की बिक्री पर रोक लगाए।